सक्षात श्रीकृष्ण का स्वरूप है श्रीमद्भागतः रवि दीक्षित -हाजीपुर में श्रीमद्भगवत कथा से पूर्व निकाली गई कलशयात्रा श्रीमद् भागवत कथा से पूर्व निकाली गई कलशयात्रा में शामिल भक्तजन हाथरस जंक्शन। श्रीमद् भागवत ही साक्षात भगवान श्रीकृष्ण का स्वारूप है। भगवान की कथाओं में ही भगवान का मर्म छिपा है। जो प्रभु की कथाओं का श्रवण करता है। उसके अंदर भाव पैदा होते हैं और भावों से भावनाओं का उद्भव होता है। भावनाओं में ही भगवान का वास है। इसलिए श्रीमद् भागवत का श्रवण करने का मतलब है आप भगवान को भज रहे हों। यह उद्गार थाना हाथरस जंक्शन के गांव हाजीपुर में भव्य कलशयात्रा के साथ आरंभ हुई श्रीमद् भागवत कथा के दौरान प्रथम दिन व्यासपीठ से बोलते हुए आचार्य रवि दीक्षित ने व्यक्त किए। इस मौके पर उन्होंने श्रीमद् भागवत के महात्म की कथा का श्रीमद् भागवत कथा से पूर्व निकाली गई कलशयात्रा में शामिल भक्तजन मार्मिक वर्णन किया और बताया कि श्रीमद् भागवत को क्यों श्रवण करना चाहिए और उसके श्रवण क्या लाभ होता है। उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत के श्रवण मात्र से महापापों का जाल भी कट जाता है। उन्होंने कहा...