‘अंगे्रजो भारत छोड़ो’ में झौंक दी थी इस सेनानी ने अपनी जान और आजादी के लिए रचा था नया इतिहास संजय दीक्षित उत्तर प्रदेश के जिला हाथरस के कोतवाली सादाबाद जो पूर्व में जिला मथुरा में शामिल था, के गांव बिजाहरी के इस सपूत ने अंगे्रजों के छक्के छुड़ा दिए थे। 1904 के करीब जन्मे कृष्णदत्त पालीवाल ने देश की आजादी और अपनी स्वतंत्रता के लिए वह हर कदम उठाया जिससे मां भारती के इस लाल से गौरों के पसीने छूट गए थे। सन् 1934 में बिजाहरी के इस सपूत ने इतिहास रचा था। केंद्रीय असेंबली के लिए हुए चुनाव के कारण मथुरा जिले में एक नई जान फूंक दी थी। चुनाव में पं.ह्दयनरायण कुंजरू के विरुद्ध कांगे्रसी उम्मीदवार कृष्णदत्त पालीवाल की भारी बहुमत से विजय हुई थी। इसके बाद 1937 में हुए असेंबली चुनावों में भी कांगे्रस के तीनों उम्मीदवार पूर्ण बहुमत से विजयी हुए, जिसमें भी मुख्य भूमिका कृष्णदत्त पालीवाल की ही थी। इसका मुख्य कारण रहा था सरदार भल्लभभाई पटेल का मथुरा जिले में तूफानी दौरा और कृष्णदत्त पालीवाल की मेहतन का ही परिणाम था। 1940 में व्यक्तिगत सत्याग्रह आंदोलन छिड़जाने पर मथुरा प्रदेश के करीब 300 देशभक्तों को...