मूंछों वाले रामजी के मेले में कलाकरों ने दिखाए पटाबनैटी के करतब, बच्चों ने खरीदे खेल-खिलौने
संजय दीक्षित
हाथरस 26 मार्च। दो दिवसीय तिमंजिला रथयात्रा महोत्सव के दूसरे दिन भी मूछों वाले रामजी के भव्य श्रृंगार दर्शन कराए गए और 136 वर्ष पुराने मेला में भी बच्चों ने जमकर धमाल मचाया। इस मौके पर खेल-तमाशे वालों ने भी जमकर मौके को फुराया। इस मौके पर पुलिस की व्यवस्था भी दुरुस्त नजर आई।
कार्यक्रम की शुरूआत मंगला आरती के साथ हुई। इस मौके पर भगवान की चरणामृत प्रशादी का वितरण किया और इसके बाद सियाराम जी का अभिषेक-पूजन के बाद भव्यश्रृंगार के दर्शन करा गए। इस मौके पर लगाई गई प्रदर्शनी में बच्चों ने जमकर लुत्फ उठाया। शाम को श्रृंगार आरती के दर्शन कराए। इस मौके पर गमेल अखाड़े के कलाकारों ने पटाबनैटी के कुशल प्रदर्शन के साथ मौके पर मौजूद लोगों को अपनी ओर आकृर्षित किया। इस मौके पर रस्सी मेंं आग बांध कर जो कलाबाजियां दिखाई गई। जबकि भगवान श्री राघवेंद्र यानि मूछों वाले रामजी की सांध्यकालीन श्रृंगार आरती के साथ ही मौके पर पटाबनैटी की कलाबाजी कलाकारों ने दिखाना शुरू कर दिया।
दूसरी ओर खाद्यय पदार्थ वाले स्टालों पर लगे तमाम प्रकार के खाद्यानों का स्वाद भी मेला में आए लोग चखते हुए चटकारे भरते दिखाई दिए। जबकि बच्चों जमकर खेलतमाशों का लुत्फ उठाया और खेल-खिलौने खरीद कर अपना मनारंजन किया।
संजय दीक्षित
हाथरस 26 मार्च। दो दिवसीय तिमंजिला रथयात्रा महोत्सव के दूसरे दिन भी मूछों वाले रामजी के भव्य श्रृंगार दर्शन कराए गए और 136 वर्ष पुराने मेला में भी बच्चों ने जमकर धमाल मचाया। इस मौके पर खेल-तमाशे वालों ने भी जमकर मौके को फुराया। इस मौके पर पुलिस की व्यवस्था भी दुरुस्त नजर आई।
कार्यक्रम की शुरूआत मंगला आरती के साथ हुई। इस मौके पर भगवान की चरणामृत प्रशादी का वितरण किया और इसके बाद सियाराम जी का अभिषेक-पूजन के बाद भव्यश्रृंगार के दर्शन करा गए। इस मौके पर लगाई गई प्रदर्शनी में बच्चों ने जमकर लुत्फ उठाया। शाम को श्रृंगार आरती के दर्शन कराए। इस मौके पर गमेल अखाड़े के कलाकारों ने पटाबनैटी के कुशल प्रदर्शन के साथ मौके पर मौजूद लोगों को अपनी ओर आकृर्षित किया। इस मौके पर रस्सी मेंं आग बांध कर जो कलाबाजियां दिखाई गई। जबकि भगवान श्री राघवेंद्र यानि मूछों वाले रामजी की सांध्यकालीन श्रृंगार आरती के साथ ही मौके पर पटाबनैटी की कलाबाजी कलाकारों ने दिखाना शुरू कर दिया।
दूसरी ओर खाद्यय पदार्थ वाले स्टालों पर लगे तमाम प्रकार के खाद्यानों का स्वाद भी मेला में आए लोग चखते हुए चटकारे भरते दिखाई दिए। जबकि बच्चों जमकर खेलतमाशों का लुत्फ उठाया और खेल-खिलौने खरीद कर अपना मनारंजन किया।

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