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Showing posts from December, 2018

नुक्कड़ नाटक में पहुंचे शौच, पॉलीथिन और सफाई अभियान

नुक्कड़ नाटक में शौच, पॉलीथिन और सफाई अभियान -ध्वनी विस्तारक यंत्र पर जब गूंजी ढोलक की थाप और हामोनियम के स्वर तो लागा लोगों का तांता संस्थान के लोग हाथरस के बाहरद्वारी पर नाटक प्रस्तुत करते हुए हाथरस। पॉलीथिन के प्रयोग पर अंकुश, क्यों और बंदी से होने वाले लाभ पर प्रकाश, जब सब का साथ और सब का विकास तो खुले में शौच क्यों ? जब स्वच्छ और साफ रहेगा नगर तो नहीं करेंगे मच्छर परशिन। मसलन बीमारियों का होगा काम तमाम। आदि नारों, गानों, गीतों पर पद्यों के साथ-साथ ढोलक की थाप से उगी गूंज, हारमानियम के सात सुरों से हाथरस के तमाम वार्ड और मलीन बस्तियों में मची धूम तो श्रीराम ग्राम्य सेवा संस्थान के कलाकरों को देखने उमड़ पड़ी भीड़। जी! हम बात केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के संबंध में कर रहे हैं। मौका 29 दिसंबर का जरूरता था, लेकिन श्रीराम ग्राम्य सेवा संस्थान, सासनी के कलाकारों ने जब हाथरस के विभिन्न वार्डों और शहर की मलीन बस्तियों में जब कार्यक्रम प्रस्तुत किया तो अभिनय और प्रस्तुति के चर्च-आम हो गए। संस्थान के कालारों ने जागरूता के जो फंडे अपनाए वह वाकई काबि-ले-तारीफ थे। जिसमें नुक...

शीलेश की सरलता और कर्मठता के कमाल पर एसपी निहाल

शीलेश की सरलता और कर्मठता के कमाल पर एसपी निहाल सिकंदराराऊ में सर्वश्रेष्ठ कांष्ठेबिल का खिताब जीतने पर 11 सौ का पुरस्कार मनोज ने मोहित हो सौंपा शीलेश को एसपी का दिया पुरस्कार संजय दीक्षित

गावहिं सबु मिल मंगल गीता, लै लै नाम राम और सीता

गावहिं सबु मिल मंगल गीता, लै लै नाम राम और सीता -हनुमान गली से निकल कर तालाब चौराह रामदरबार मंदिर में पहुंची चारों भाइयों की बारात -नगर में धूमधाम से मनाया गया श्रीसीताराम विवाह पंचमी महामहोत्सव दरबाजे पर पूजन के दौरान घोड़ों पर सवार चारो दुल्हा सरकार बारात में शामिल श्री सियाराम के भक्तजन हाथरस। ‘‘प्रभु दोउ चापखंड महि डारे। देखि लोग सब भए सुखारे।। कौसिकरूप पयोनिधि पावन। प्रेम बारि अवगाहु सहावन।।’’ जैसे ही रघुवर ने शिव धनुस के दोनों खंड तोड़कर नीचे डारे तभी मिथिला के लोगों में हर्ष की लहर दौड़ गई। झांझि मृदंग संख सहनाई। भेरि ढोल दुंदभी सुहाई।। अति उमंग में जनकपुर में झांझि मृदंग सख सहनाई भेरि व ढोल और दुंदंभी धुन चहुंओर गुंजायमान हो उठी। बाजहिं बहु बाजने सुहाए। जहां तहं जुबतिन्ह मंगल गाए।। बहुप्रकार के बाजो की धन सुहानी लग रही थी मिथिला की महिलाएं घर-घर में मंगल गीत का रही थीं। क्योंकि माहौल ही श्री रघुवर और माता जानकी के विवाह महोत्सव का था। मौका श्रीसीताराम विवाह महोत्सव का था और नगर के सद्गृहतस्त संत पं.भोलाशंकर जी की देखरेख में जनकपुर में भावरों के द...