शिक्षक ने खुद भी लूटा श्रीधन औरों को पहुंचाया लाभ और स्वर्ग की बैंक में खोल लिया खाता
हाथरस/बरसाना 20 अप्रैल। इस शिक्षक में कमाई करने की इतनी प्रवल इच्छा की आदत ने कमाल कर दिया है। जानकारों की माने तो स्वर्ग की बैंक में भी इन्होंने खाता खोल दिया है। अब धड़ा धड़ उस बैंक में भद्रपूंजी की संख्या बढ़ रही है। हालांकि यह शुरू से इतने धनाढ्य नहीं थे। पैशे से एक शिक्षक और अब शिक्षण कार्य से भी सेवा निवृति ले चुके हैं, लेकिन कमाई करने की रफ्तार कम नहीं हुई है। जो सच्चे श्रद्धालु हैं इनको आदरद के साथ मास्साब कहते हैं और जिसको भी अपने साथ ले लेलेते हैं वह भी धनाढ्यता की श्रेणी में आ जाता है।
कौन हैं यह महाशयः-
परिचय तो देना ही पड़ेगा। इनका नाम कैलाशचंद्र वार्ष्णेय है और ब्रज की द्वार देहरी रस की नगरी ‘हाथरस’ की जैन गली में रहते हैं। पैशे से शिक्षक, लेकिन कुछ वर्ष पहले अलीगढ़ वार्ष्णेय कॉलेज से सेवानिवृत्ति भी ले चुके हैं। स्वभाव से संत, मन से भक्त, और धन की दृष्टि से श्रीधन से अपार धनाढ्यता की श्रेणी में आते हैं।
कैसे शुरू हुआ श्रीधन की कमाई का सिलसिलाः-
निश्चित रूप से आप भी यह जानने के इच्छुक होंगे कि आखिर एक शिक्षक इतना धनाढ्य कैसे हो गया कि उसने स्वर्ग की बैंक में भी खाता खोल लिया। जीहां! सहीं सोच रहे हैं आप। बताते चलें कि आज से सात वर्ष पूर्व इन शिक्षाविद् जी के दिमाग में एक कीड़ा कौंधा कि हर व्यक्ति कमाई में लगा हुआ है। काफी कमाई करता है, लेकिन जाते वक्त खाली हाथ जाता है। क्योंना कुछ ऐसी कमाई की जाए कि हर वक्त साथ जाए और स्वर्ग में भी अच्छी पूंजी जमा हो जाए। खुद और अपने सहयोगियों से किया चिंतन और खोज ही लिया श्रीधन कमाने का रास्ता।
कौन सा था रास्ताः-
सुनिए भाई सहाब रास्ता था बरसाने से होकर स्वर्ग तक जाने का। उन्होंने एक बस शुरू की जो मुख्यतः बरसाने में श्रीजी के दर्शन और परिक्रमा लगवाती है। साथ ही ब्रज के दो या तीन ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन भी कराती है। हालांकि जमकर इस यात्रा के परीक्षण भी हुए। किसी के स्वाभिमान को ठेस न पहुंचे इसलिए बहुत ही न्यूनतम यात्रा शुल्क भी रखा और सिलसिला अभी भी अनवरत रूप स ेचल रहा है।
खुद ही नहीं सैकड़ों भक्तों को भी करा दी है ब्रज दर्शन यात्राः-
22 अप्रैल, 18 को ब्रज बरसाना यात्रा के 7 वर्ष पूर्ण हो जाएंगे। यात्रा के वार्षिकोत्सव में रविवार को 5 बसों के अलावा अन्य वाहन भी बरसाना पहुंचेगे। जहां पर प्रख्यात ब्रज संत रमेशबाबा के प्रवचन का लाभ प्राप्त होगा। इससे पूर्व रासमंडल में मानबिहारी जी सरकार के छप्पन भोग के दर्शन कराए जाएंगे और भक्तिमय भजन-कीर्तन में सभी रसबार कर स्नान करेंगे।


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