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ऐसे भी संत जो स्वभाव से शांत और कर्म से संत हैं, बरसाना में हुआ जिनका संत सम्मान

शांत स्वभाव के धनी और शंत प्रवृत्ति से बलशाली पं. भोलाशंकर शर्मा ने ब्रज द्वार हाथरस में प्रभात फेरियों के लिए राष्ट्रीय संत रमेश बाबा की प्रेरणा से कार्य किया और अब हाथरस में करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा स्थानों से निकलती हैं प्रभात फेरियां
UP (India) 29 April। जिसको धन की नहीं सेवा की कामना है, जो वैभव में नहीं समागम में आस्था रखते हैं। जिनको सत्य की पहचान है, जिनका अभियान से दूर दूर तक का वास्ता नहीं है। जो सदैव जनउत्थान और प्रभु मिलन का रास्ता लोगों को बताते हैं। ऐसे शांत व्यक्तित्व के धनी पं. भोलशंकर शर्मा का बरसाने में संत अभिनंदन किया गया।
अभिनंदन कार्यक्रम ब्रज बरसाना यात्रा मंडल के प्रमुख शिक्षाविद् कैलाशचंद्र वार्ष्णेय ने पीत वस्त्र, मोती माला और प्रभु छवि भेंट कर किया गया। इस मौके पर बालव्यासा चार्या मुरिलका शर्मा ने भी शंत और शांत दोनों पृवत्तियों से परिपूर्ण पं. भोलाशंकर शर्मा का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि ब्रज द्वार से पधारे रस की नगरी हाथरस के पं. भोलाशंकर शर्मा जी जैसे व्यक्तित्वों से ही आज पृथ्वी पर सत्य टिका है। धर्म और समागम सभी का संचालन इस प्रकार के लोगों के माध्यम से ही अमल में आ रहा है। अभिनंदन के दौरान ब्रज बरसाना यात्रा मंडल के प्रमुख और शिक्षाविद् कैलाशचंद्र वार्ष्णेय ने भी पंड़ित जी के व्यक्तित्व और कृतित्व के संबंध में काफी कुछ जानकारी दी।
कैसे मिला प्रभुक्ति का मार्गः-
जहां तक पं.भोलाशंकर शर्मा के संबंध में जानकारी मिलती है उसके हिसाब से पं.भोलाशंकर शर्मा ब्रज द्वार हाथरस जहां से ब्रज की चौखट आरंभ होती है अर्थात मां हाथुरसी मंदिर से निकट नयाबांस गांव के मुल निवासी हैं। शुरू से ही प्रभुभक्ति में आस्था तो पैतृक स्वभाव से ही थी, लेकिन उनका प्रभुभक्ति मार्ग पर और प्रादुर्यभाव बढ़ स्व. ब्रजनाथ शरण आरोड़ी के सानिध्य में आने पर। अरोड़ा जी से सभी बाबूजी कहाते थे, जो हाथरस में ऋष पंचमी के मौके पर बड़ा उत्सव यानि संतसमागम का आयोजन हर वार कराते थे।
बाबूजी यानि के साथ प्रभुभक्ति कार्यक्रमों में सहभागिता के साथ-साथ पंड़ित भोलाशंकर ने एक बस भी गोवर्धन परिक्रमा के लिए लगा दी। बताते हैं, अपनी सैलरी का काफी भाग वह इसी बस के खर्च में उठाते थे। बताते चलें कि पं.भोलाशंकर शर्मा हाथरस के सरस्वती डिग्री कॉलेज में बतौर कर्मचारी तैनात हैं और आज भी प्रभुक्ति से ओतप्रोत हरि के क्रियाकलापों में प्राथमिकता से सहभागिता करते हैं। पं. भोलाशंकर शर्मा जी के इन क्रियाकलापों के चलते ही उनको बरसाना महोत्सव के दौरान सम्मानित किया गया। यही नहीं इस मौके पर राष्ट्रीय संत रमेशबाबा ने भी एक वार्ता के दौरान पंड़ित जी के कार्यां की सराहना की।
इस मौके पर खासतौर से कैलाशचंद्र वार्ष्णेय के अलावा योगेंद्र मोहन शर्मा, प्रदीप अग्रवाल, संजय दीक्षित एडवोकेट, रोचक जैन, विकास अग्रवाल, आशीष जैन, हरीशंकर अग्रवाल व राजेश शर्मा आदि सदस्य ब्रज बरसाना यात्रा मंडल के मौजूद थे।

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