हाथरस जंक्शन पुलिस की सफलता से लगेगा सट्टे में बट्टा, सट्टे के गट्टे में राजू का अट्टा पर्ची के चक्कर में फंस गया दुपट्टा
हाथरस जंक्शन पुलिस की सफलता से लगेगा सट्टे में बट्टा, सट्टे के गट्टे में राजू का अट्टा पर्ची के चक्कर में फंस गया दुपट्टा
26 अप्रैल। सट्टा के कट्टा में आज तक बहुत से भविष्यों को कैद कर के रख दिया है। घून की तरह पनप रहे सट्टा के कारोबार और सटोरियों की सट्टाई के आगे बहुत से घरों में रोटी और दाल के भी लाले पड़ जाते हैं। हालांकि समय-समय पर पुलिस भी इन सटोरियों की नाक में नकेल डालती है, लेकिन कब तक, जब तक कि अर्थिंग नहीं आती। खैर ज्यादा लंबा नहीं जाएंगे। बतादें कि हाथरस जंक्शन पुलिस ने एक अच्छे सटोरिए को पकड़ा है। इसके लिए पुलिस को बधाई देनी चाहिए।
पुलिस सूत्रों की माने तो थाना हाथरस जंक्शन पुलिस ने अवधेश उर्फ राजू ठाकुर को गिरफ्तार किया है। सूत्र बताते हैं राजू के तार सट्टा के क्षेत्र में काफी मजबूत हैं। यह ही नहीं थाना क्षेत्र व आसपास के क्षेत्रों में भी इसके वरिष्ठ साथियों का भी इस प्रकार के सट्टा काइयांओं को संरक्षण प्रदान किया जाता है। यह तो अच्छा है कि अपराध नियंत्रण के लिए एसपी हाथरस घुले सुशील कुमार इन दिनों काफी पैनी नजर बनाए हुए हैं। बताते हैं, उनके द्वारा ही अपराध पर अंकुश की जो पहल हुई है। इससे खलबली मच गई है और सुस्त पड़े वर्दीधारियों ने भी अपने आंख मीड़ना शुरू कर दिया है।
लेकिन यह नाफी होगा। क्योंकि हाथरस क्षेत्र में सट्टा-पर्ची का जो खेल है बड़ा लंबा है। सूत्र यह भी बताते हैं, कि हाथरस से दिल्ली तक के लिए इन सटोरियों हाथों की पहुंच होती है। कहीं न कहीं सत्ता के गलियारों तक भी यह पहुंच बना लेते हैं। सट्टे के पूर्ण विराम के लिए कई बार पहल हुई है, लेकिन दाम और दमड़ी का खेल ही कुछ ऐसा है कि देखकर किसी का भी मन चलचाने लग जाता है।
तत्कालीन एसपी अजयपाल शर्मा ने की थी सट्टे कर पड़ी पहलः-
हाथरस में बतौर एसपी तैनात रहे आईपीएस अजयपाल शर्मा के समय में एक बड़ी पहल हुई थी। जिसकी कमान संभाली थी इंस्पेक्टर पंवार ने जिले के सट्टा किंग के नाम से जाने पहचाने जाने वाले चतुर्भुज गुप्ता को न केवल गिरफ्तार ही किया था बल्कि सख्ती से कार्रवाई करते हुए ऐसे-ऐसे तार खोले गए थे कि इस सट्टा की खाई में डुबकियां लगाने वाले उन वाह्य ताकतों पर भी लगाम लगा दी थी जो इस कारोबार में सहयोग कर के हर महीने अपना मासिक भत्ता लेते हैं।
आज भी कुछ नौकरशाहों के पास वह साक्ष्य हैं जिन, जिनमें सफेद भी काले नजर आते हैंः-
सूत्रों की माने तो तत्कालीन आईपीएस अजयपाल शर्मा के समय में सट्टा किंग की हुई वीडियो रिकार्डिंग कुछेक वर्दीधारियों के पास मौजूद हैं। जिसमें साफ-साफ यह बताया गया है कि कौन-कौन मासिक भत्त लेकर सट्टा के सहयोग के साक्षी बनते हैं। मानें तो यह दलदल है और जितना इसके पास जाएंगे बदबू आएगी, लेकिन इस एक के दस करने के कारोबार में बर्वादा हुए हजारांं लोगों का भविष्य सुधारातो नहीं जा सकता, लेकिन आने वाली पीड़ियों के भविष्य को सुधारा जा सकता है। जय हो जंक्शन पुलिस की और पुलिस प्रमुख की।


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