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मां लक्ष्मी का प्रादुर्यभाव आज ही के दिन हुआ था, बौद्ध भगवान का भी अवतरण इसी पूर्णिमा पर हुआ था

कूर्म कच्छप अवतार को धारण कर भगवान विष्णु ने आज ही के दिन समुद्रमंथन में की रक्षा की थी इसी पूर्णिमा को
UP (India) 30 April। आज ही के दिन मां लक्ष्मी का प्रादुर्यभाव हुआ था, आज ही के दिन समुद्र मंथन हुआ था और आज की के दिन निकले थे समुद्र के सभी रत्न अमृत पीकर के देवताओं ने भी आज के ही दिन पाया था अमृत्व। भगवान बौद्ध भी इसी दिन इस संसार में पधारे थे। इस महान दिन को लेकर ब्रज की द्वार देहरी में भी अनेक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ।
ब्रज द्वार के कन्हैया मंदिर स्थित रुई की मंडी में सहित अन्य मंदिरों और देवालयों से भी प्रभात फेरियां निकाली गई। हालांकि उत्सव की शुरूआत मंगला आरती के साथ हुई। इस मौके पर भगवान के भजन-कीर्तन की धुन से बैकुंठ सरीखा आनंद भक्तजनों ने प्राप्त किया। इसके बाद आरंभ हुई प्रभात फेरियों ने नगर में भ्रमण किया। ‘बस एक बार आजा गिर्राज की शरण में, आनंद बहुत मिलेगा गिर्राज की शरण में’, ‘घटा तेरी तीन लोक से न्यारी है गोवर्धन महाराज, इंद्र की पूजा लई छिनाए, हाथ गोवर्धन लियो उठाए’ आदि भजनों भी भक्त झूमते नजर आए। रूई की मंडी से आरंभ हुई प्रभत फेरी गली सीकनापान चौराहा, नजिहाई बाजार, चौक सर्राफा, लोहट बाजार, सादाबाद गेट तिराहा आदि से पहुंचकर प्रभात फेरी संपन्न हुई। जबकि ऐतिहासिक मंदिर श्री दाऊजी महाराज पर भी मंगला आरती के साथ विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। इस मौके पर चिंता हरण मंदिर स्थित भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी के भव्य श्रृंगार के दर्शन कराए गए और प्रसादी का वितरण किया गया।

जबकि सुबह से ही देश के हर गंगा घाट पर भगवान के भक्तों ने गंगा में डुबकी लगाई। हाथरस से भी हजारों की संख्या में भक्तों ने सोरों गंगा घाट, राजघाट गंगा घाट, कर्णवास गंगा घाट, नरौरा गंगा घाट, रामघाट गंगा घाट आदि घंटों पर भक्तों ने डुबकी लगाई और पुण्य लाभ प्राप्त किया।

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