योग से निखरती है शरीर की आंतरिक और वाह्य सुंदरताः अनुपम
हाथरस 06 अपै्रल। स्वस्थ्य शरीर में ही सुंदर मन बसता है। इस तन और मन की सुंदरता तो बनाए रखने का एक मात्र रास्ता योग की ओर जाता है। योग के लिए भोग का रास्ता सीमित होना चाहिए स्वास्थ्य, खुशी और सत्य की संभावनाए सिर्फ योग और वाकिंग में हैं।
यह उद्गार महिलाओं के लिए एक दिशानिर्देशिका के रूप में कार्य कर रही महिला उत्थानक श्रीमती अनुपम वर्मा ने अपनी योग कक्षा के बाद वसुंधरा महिला मंडल को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति का सबसे बड़ा धन उसका स्वस्थ्य शरीर भी होता है। क्योंकि अगर महिला का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है तो पूरा घर अस्वस्थ्यता की ओर बढ़ जाता है। महिलाओं के स्वास्थ्य जीवन का लाभ पूरा परिवार उठा ता है। इसलिए एक जिम्मेदार महिला को सदैव स्वस्थ्य रहने की कोशिश करनी चाहिए और स्वास्थ्य रहने के लिए योग एक अच्छा माध्यम है। शरीर की वाहरी खूबसूरती ओरों को इंप्रेश करती है, लेकिन अंतरिक खूबशूरती लोगों को अंदरतक से परिवर्तित कर सकती है।
श्रीमती वर्मा की सहयोगी श्रीमती मीनू वार्ष्णेय ने कहा कि श्रीमती वर्मा के अंदर एक नहीं अनेकों खूवियां हैं। वह घरी की शरी जिम्मेदारियों के साथ-साथ एक अच्छी लेखिका हैं और एक नेटवर्किंग कंपनी में बतौर प्रेजिडेंशिंयल डायरेक्टर भी हैं। वह महिलाओं को आत्मनिर्भर करने का कार्य भी करती हैं। इसके अलावा महिला स्वास्थ्य के प्रति तो वह समय-समय पर कार्य करती ही हैं।
स्वास्थ्य कक्षा में मुख्य रूप से रितु अरोरा, कुसुम गौड़, मीतू माहेश्वरी, रूपल पारसर, ज्योत्सना वर्मा, सिमरन वार्ष्णेय, रेनू वर्मा, प्रभा सिंह, विनायका, आकांक्षा, विनीता दुबे, मीरा पचौरी, आशाकिरन, मेघा श्रीवास्तव आदि वसुंधरा महिला क्लब की महिलाएं मौजूद थी।
रिपोटिंग
नवीन कुमार वार्ष्णेय

Vaah kamal ho gaya
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