Skip to main content

बोर्ड बैठक का हुआ बहिष्कार तो मची खलबली, अब दिलाई जाएगी सभासदों को सूचना

बोर्ड बैठक का हुआ बहिष्कार तो मची खलबली, अब दिलाई जाएगी सभासदों को सूचना
मेंडू (हाथरस जं.) 13 अपै्रल। चेयरमैन और ईओ से असंतुष्ठ चल रहे सभासदों की नाराजी आब बहिष्कार के रूप में झलक पड़ी। बोर्ड बैठक के बहिष्कार की सुनकर चेयरमैन और ईओ दोनों में खलबली मच गई। हालांकि सूत्रों के मुताबिक अन्यत्र माध्यमों से संतुष्ठी के प्रयास बेअसल रहे और बाद में सौंए गए ज्ञापन के आधार पर ईओ ने सभासदों की सभी जाइज मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है। 
मेंडू नगर पंचायत के असंतुष्ठ सभासदों को विरोध आज प्रखर दिखाई दिया। इस मौके पर एक सभासद से हुई अभद्रता का मामला भी सभासदों ने उठाया। हालांकि अपने द्वारा दिए गए ज्ञापन में इस बात का जिक्र नहीं था। जब बोर्ड बैठक का एंजेंडा सभासदों पर पहुंचा तो सभासद एकजुट नजर आए और उन्होंने अपनी कई मांगों के चलते बोर्ड बैठक का बहिष्कार कर दिया। साथ ही एक ज्ञापन भी ईओ को सौंपा। जिसमें बहिष्कार का कारण बताते हुए मांग की गई कि 6 जनवरी को हुई बैठक में पारित स्वीकृत प्रस्तावों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। साथ ही नगर पालिका अधिनियम के तहत 27 जनवरी को मांगी गई सूचना अभीतक उपलब्ध नहीं कराई गई। ईओ से संपर्क किया गया तो उत्तर मिला था कि सूचना देने में तीन माह का वक्त लगेगा।
तानाशाही रवैए का आरोप लगाते हुए सभासदों का कहना था कि ईओ के आने-जाने का कोई समय नहीं है। उनके उपस्थित न रहने से जनहित के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। जबतक हमारी जाइज मांगे पूर्ण नहीं होती हैं हम बोर्ड बैठक का बहिष्कार करते रहेंगे। सौपं गए ज्ञापन की प्रतियां डीएम हाथरस और मंडलायुक्त अलीगढ़ को भी प्रेषित किया गया है।
क्या कहते हैं अधिशासी अधिकारी नगर पंचायतः-
देखिए हम जनहित के कार्यों को कतई नहीं प्रभावित होने देंगे। जिन मांगों को लेकर सभासदों में नाराजगी थी वह हमें पता पड़ गई हैं और जल्द ही उनको पूरा कर दिया जाएगा। बोर्ड की बैठकों को कतई प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।
क्या कहते हैं चेयरमैनः-
चेयरमैन मनोहर सिंह आर्य से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि सभासदों की जो मांग है उसको हमारा बाबू संतुष्ठ नहीं कर पाया। उसमें भी एक कारण है कि जो सूचना मांगी गई है वह पांच वर्ष पुरानी चाहते हैं या उससे अधिक और कम की। इसके लिए बात की गई है और अब असंतुष्ठी भी सभासदों की दूर की जा रही है जो सूचना उन्होंने मांगी है वह उपलब्ध कराई जाएगी।

रिपोटिंग

नवीन कुमार वार्ष्णेय

Comments

Popular posts from this blog

‘‘चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीड़। तुलसीदास चंदन घिसत और तिलक लैत रघुवीर।।’’

हनुमान जी की कृपा से गुसांई बाबा को चित्रकूट के घाट पर प्रभु के दर्शन होते हैंःगौरांग जी महाराज UP Hathras11 जून, 18। चित्रकूट का घट है और गोस्वामी बाबा पथर की एक सिला पर चंदन घिर रहे हैं। कथा प्रवचन करते व्यासपीठ गौरांग जी महाराज इंतजार कर रहे हैं कि कब उनके स्वामी आएंगे और मिलन होगा। अचानक वहां पर दो सुकुमार आते हैं और तुलसीदास से चंदन की मांग करते हैं, लेकिन प्रभु मिलन की आस में वह दोनों ही सुकुमारों से चंदन की मना करते हैं। महावीर जो देख रहे थे पहचान गए कि अभी भी तुलसीदास स्वामी को नहीं पहचान रहे। श्री रामदबार मंदिर में चल रही भक्तमाल कथा श्रवण करते श्रद्धालुजन कथा श्रवण करते बैंक अधिकारी कथा के दौरान आचार्य गौरांग जी महाराज इस मार्मिक प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि कहीं फिर से तुलसीदास प्रभु दर्शन से न चूक जाएं। इसलिए पेड़ की एक डाल पर तोते का रूप धर कर हनुमान जी कथा श्रवण करते सेवानिवृत्त रोडवेज अधिकारी कहते हैं ‘‘चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीड़। तुलसीदास चंदन घिसत और तिलक लैत रघुवीर।।’’ यह दोहा सुनते ही गोस्वामी तुलसीदास का ज्ञानतंत्र जाग्रित हुआ। ध...

हर दिन डेढ सजा का लक्ष्य किया तय

हर दिन सुनाई गई डेढ़ सजा - पुलिस के साथ अभियोजन ने 716 आरोपियों को सुनाई सजा - पूरे साल में 556 मामलों में सुनाई गई सजा - बकौल एसपी चिरंजीव नाथ सिंहा, आगे और बहतर करने का होगा प्रयाश हाथरस। पुलिस ने अभियोजन के साथ मिलकर 360 दिन में 556 सजाओं के माध्यम से 716आरोपियों को अभियुक्त सिद्ध कर के जेल का रास्ता दिखाया है। अगर यह कहा जाए कि हर दिन पुलिस और अभियोजन ने मिल कर डेढ़ सजा का आंकड़ा तय किया है तो गलत नहीं होगा क्योंकि साल में 360 दिन होते हैं और सजा 556 सुनाई गई है।इससे सीधा-सीधा आंकड़ा निकलता है एक दिन में डेढ़ सजा का मापदंड तप किया गया है।हालांकि यह आंकड़ा इतना अच्छा भी नहीं है, मगर आने वाले दिनों में इसको और सुधारा जा सकता है। बीते समय से सबक लेने की आवश्यकता है कि कहां पर चूक हुई है।क्योंकि कहीं ना कहीं पुलिस गवाहों के होस्टाइल होने के कारण ही आरोपी कोअभियुक्त सिद्ध नहीं कर पाती और वह सजा से वंचित रह जाते हैं ।इसलिए यह कहना फक्र की बात है कि पुलिस ने मेहनत करते हुए हर दिन एक से ज्यादा सजा का लक्ष्य तय किया है इधर, अभियोजन ने भी रात दिन एक करते हुए अपने कार्य को अंजाम द...

हाथरस की यह मजबूरी सिर्फ 35 किमी की दूरी

हाथरस की यह मजबूरी सिर्फ 35 किमी की दूरी -बाहरी प्रत्याशियों का दंश झेलता आ रहा है हाथरस -1984 तक कांगे्रस पर महरवान रही हाथरस की तनजा तो 1991 से भाजपा के प्रत्याशी को ही चुन कर संसद भेज रही जनता  संजय दीक्षित हाथरस। ‘‘अरे हाय हाय ये मजबूरी ये मौसम और ये दूरी, मुझ पल पल है तड़फाये एक दिना......’’ फिल्म ‘‘रोटी कपड़ा और मकान’’ के गाने के यह बोल लोकसभा हाथरस पर भी सटीक बैठते हैं। क्योंकि क्षेत्र की समस्या व लोगों की पीड़ा के निराकरण को अब तक हुए लोकतंत्र के 17 समरों को प्रतिनिधित्व 17 में 12 वार वाहरी लोगों को सौंपा गया है। मजे की बात तो यह है कि यह 18 लोकतंत्र के इस यज्ञ में 18 वीं वार भी आहूतियां देने के लिए लोकल प्रत्याशियों का पूर्णतः अभाव दिखाई दे रहा है। हाथरस के प्रथम सांसद नरदेव स्नातक को दुर्लभ चित्र यह हाथरस की पीड़ा ही कही जा जा सकती है कि लोकसभा के लिए यहां के मतदाताओं को अब तक 17 वार हुए मतदान में 12 वार वाहरी प्रत्याशियों को सांसद बनाकर लोकसभा भेजा है। लोगों के बोलों से निकली बातों पर जाएं तो यह सबसे बड़ी पीड़ा है कि हर विधानसभा और लोकसभा का एक अलग-अलग भौगो...