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शिकायत का सबब बन सकता है मौत के पहरे पर दुख का शबब

शिकायत का सबब बन सकता है मौत के पहरे पर दुख का शबब 
मेंडू (हाथरस जं.) 24 अप्रैल। मेंडू के मोहल्ले में एक ही ने मर्दों की नाक में दम कर के रख दिया है। ईओ को जबाव देते नहीं बन रहा है तो वरिष्ठ वृद्ध नागरिक दंपति की जान पर बन आई है। यदि नगर पालिका प्रशासन ने जल्द ही इसका हल नहीं निकाला तो मोहल्ला सुनारान कोई में कोई अमिट घटना की दांस्ता लिख सकती है। 
मोहल्ला सुनारान इस वक्त एक वरिष्ठ वृद्ध नागरिक की जिंदगी की जंग का अखाड़ा बन चुका है। आखिकर वरिष्ठ वृद्ध नागरिक दंपति करे भी तो करे क्या। वहीं पर रसोई और ठीक रसोई के सामने उठती मल यानि गंदी और तीक्ष्ण दुर्गंन। लाख समझाने के बाद भी गैर समुदाय परिवार भी अपनी जिद नहीं छोड़ रहा है। यह ही नहीं शिकायत के बावजूद भी नगर पंचायत प्रशासन भी अपना सिर्फ कोरम ही पूरा कर रहा है। इधर, मुख्यमंत्री समस्या समाधान ऑफिस से आने वाले कॉलों के बाद भी ईओ नगर पंचायत कच्छप गति से कार्य कर रहे हैं। कहीं यह धीमी गति कस्बे में अशांति का शबब न बन बैठे। क्योंकि इधर नगर पंचायत का ढीलापन। उधर, वरिष्ठ नागरिक दंपति की तिल तिल घुटन भरी जिंदगी आखिर क्या गुल खिलाएगी यह तो भविष्य की गोद में हैं, लेकिन इस मामले का जल्द ही निस्तारण नहीं हुआ तो निश्चित घटना का रूप बड़ा हो सकता है।
क्या है घटना का मूलः-
मेंडू के मोहल्ला सुनारान में बनी एक छोटी सी गली में एक मकान पीड़ित वरिष्ठ नागरिक दंपति का है तो एक कदम का फांसाला छोड़ कर सामने मकान एक गैर समुदाय का है। दोनों में में विवाद है। खुले आम निकले वाले मल से उठने वाली तीक्ष्ण दुर्गंद की। बताते हैं, स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनाए गए शौचालय की स्कीम पर गैर समुदाय परिवार ने शौचालय के नाम पर आठ हजार रुपये भी ले लिए और स्वच्छा के नाम पर पड़ोसियों को परसोस दी गदंगी और बदबू। पीड़ित परिवार की माने तो उनके ठीक रसोई के सामने ही शौचालय के नाम पर बनाया गया वह जुगाड़मेंट है जो विवाद का कारण है। जबकि आरोपी परिवार की माने तो अब उसके पास शौचालय बनवाने के लिए पैसे ही नहीं है तो सवाल यह उठता है कि नगर पालिका से शौचालय के नाम पर वसूले गए वह आठ हजार कहां गए तो सीधा-सीधा सवाल उठता है नगर पंचायत प्रशासन की सांठगांठ पर।
क्या हो सकता है अशांति का कारणः-
अगर समस्या के संबंध में थोड़ी सी भी ढिलाई में तेली नहीं लाई गई तो शिकायतकर्ता की जान पर बन सकता है खतरा। पीड़ित की माने तो उसको आज आरोपी परिवार ने धमकी दी है। पीड़ित धमकी से सहमतो गया है, लेकिन उसका कहना है कि तिल-तिल घुटकर मरने से तो एक बार मर जाना ही बेहतर है। अगर आरोपी परिवार की हरकतों पर अंकुश और पीड़ित की परेशानी का जल्द निस्तारण नहीं किया गया तो आने वाले दुखद घटनाक्रम के लिए मौजूदा नगर पंचायत ही दोषी होने वाला है।


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