धन कामने वाले लाखों हैं, इन्हें देखिए यह लगे हैं दुआओं के लिए
संजय दीक्षित
UP (India) 27 April। किसी को धन कमाने में मजा आता है तो किसी को दुआ। धन कमाने वाले हर जगह और स्थान पर मिल जाएंगे, लेकिन दुआ कमाने वाले विरले ही होते हैं, लेकिन हमने यहां पर भी एक ऐसी शख्सियत खोज ली है। यह शख्यित ऐसी है कि दिव्यांगों (विकलांगों) के लिए पिछले करीब बीस वर्षों से कार्य कर रहे हैं। इस कार्य में उनके खिलाफ कई बार मामले भी दर्ज हुए और दबंगों का विरोध भी झेलना पड़ा। इन दिनों वह दिव्यांगजन के लिए खासतौर से रोजगार पर कार्य कर रहे हैं।
शख्सियत का परिचयः-
डॉ.एमएल रावत जो पैसे से चिकित्सक हैं, लेकिन आज यह पूरी तरह से विकलांग यानि दिव्यांगजन के लिए समर्पित होकर कार्य कर रहे हैं। अपना तन, मन और धन हर प्रकार से दिव्यांगजन के लिए समर्पित करने के साथ-साथ पूरा फोकस सरकारी सुविधाओं और उनको दिव्यांगों के लिए कैसे दिलाया जाय, इसमें ही लगाए रखते हैं।
कैसे चढ़ा दिव्याजन सेवा का जज्बाः-
डॉ. रावत ने बताया कि पुरानी बात है जब उनको दिव्यांगता का झटका लगा। दुर्घटना के बाद उन्हें काफी समय खाट पर ही रहना पड़ा। दिव्यांगता के वक्त उन्होंने एहसास हुआ कि कितना कष्टदाई होता है यह वक्त। बस उन्होंने तभी से ठान दिया कि अगर भगवान ने उनको ठीक होने का मौका दिया तो वह भी आगे चलकर दिव्यांगजनों के लिए कार्य करेंगे। कहते हैं सच्ची पुकार भगवान सुनता है और आज वह बिलकुल स्वस्थ्य तो हैं ही, साथ ही भगवान से किए हुए वायदे को भी निभा रहे हैं।
राजेश कुमार उपाध्याय भी निभा रहे हैं डॉ.रावत का साथः-
पैरों से बिल्कुल बैकार हो चुके राजेश कुमार उपाध्याय का भी जज्बा देखते ही बनता है। एक सड़क दुर्घटना में पैसों शत्प्रतिशत बैकार हुए श्री उपाध्याय की जब जानकारी डॉ.एमएल रावत को हुई तो उन्होंने श्री उपाध्याय का उत्साहबर्धन किया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें बिल्कुल बेकार करार दे दिया था आज श्री उपाध्याय पूरी तरह से डॉ. रावत के मिशन में जुट गए हैं।
मूक, बधिर, दृष्टिहीन व मानसिक रोगियों की शिक्षा और रोजगार पर है दोनों की पहलः-
डॉ.एमएल रावत और राजेश कुमार उपाध्याय इन दिनों दिव्यांगजन के लिए खासतौर पर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर विशेष रूप से पहल बनाए हुए हैं। उन्होंने एक वार्ता के दौरान बताया कि शिक्षित दिव्यांगजनों के लिए रोजगार परख कार्यक्रमों में कार्य कर रही देशभर की कई कंपनियों से उन्होंने वार्ता की है। इस संबंध में 27 अप्रैल, 18 को उन्होंने एक प्रेस वार्ता भी की और बताया कि भारत की कई कंपनियां और सामाजिक संस्थाएं जिसमें सार्थक एजूकेशन ट्रस्ट, नई दिल्ली ने जिले के शैक्षिक दिव्यांगजनों को रोजगार हेतु चयनित कर सरकारी व गैर सरकारी कंपनियों में रोजगार दिलाने का भरोसा दिलाया है। उन्होंने जानकारी दी कि शैक्षिक रोजगारों के रोजगार के लिए रजिस्ट्रेशन 29 अप्रैल, 18 तक ही स्वीकार्य होंगे।
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