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जॉब कार्ड है, लेकिन जॉब नहीं तो कैसे भरे पेट, लाभार्थियों को मिला लाभ लेकिन कागज पर

जॉब कार्ड है, लेकिन जॉब नहीं तो कैसे भरे पेट, लाभार्थियों को मिला लाभ लेकिन कागज पर
UP (India) 27 April। ‘स्वाच्छ भारत अभियान’ स्वच्छ होगा भारत तो स्वस्थ्य होगा भारत, यह केंद्र सरकार की योजना है। इसके लिए सरकार की ओर से तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं, लेकिन सिस्टम में छेद है तो सरकार क्या करेगी। मामला यूपी के जिला हाथरस के थाना हसायन के गांव मंडनपुर का है। आरोप है कि सुलभ शौचालय के नाम पर प्रत्येक लाभार्थी से प्रधान जी कर ले गए वसूली और सुविधान के नाम पर ठेंगा। ग्राव में मजदूर हैं उनके जॉब कार्ड भी बने हैं, लेकिन उनके लिए रोजगार नहीं है। आरोप प्रधान जी पर। अभियान स्वच्छ भारत है, लेकिन केवल कागजों में। क्योंकि प्रधानजी को हकीकत में नहीं कागजों पर विकास कार्यों के जड़ने का कुछ ज्यादा ही अनुभव है। शिकायतें हुई तो मौके पर पहुंची हैं डीपीआरओ और उनके सामने जमकर खोल रहे हैं ग्रामीण प्रधानजी की पोल।
क्या है मामलाः-मामला सीधासाधा है गोलमाल का। यूपी के गांव मंडनपुर में भी विकास के लिए ग्रामीणों ने प्रधान जी को चुना था, लेकिन वह अपने ही विकास में लग गए। मजदूरों के लिए जॉब कार्ड हैं, लेकिन मजदूरी नहीं, लेकिन कागजों में जमकर हो रहा है काम आरोप प्रधान जी पर। गांव में शुलभ शौचालय बनबनाए गए, पूरे बने या नहीं बने इससे मतलब नहीं है, लेकिन कागजों में सब काम हो गया, आरोप प्रधान जी पर। शौचालय के लिए प्रत्येक लाभर्ती से रकम एेंठी गई, आरोप प्रधान जी पर। न साफ है न सफाई अभियान ‘स्वच्छ भारत’, लेकिन कागजों में आरोप प्रधान जी पर। आखिर मामला प्रधान जी पर ही टिक गया है। मानलिया प्रधान जी में ही खोट है, लेकिन बिना नेटवर्क और सहयोग के प्रधान जी क्या प्रधान जी भी इन सब गोलमालों को सफल कर लेते। खैर जो भी हो करेप्शन पर एक्शन तो होना बनता है, अगर इसका कोई सुलभ और सरल तरीका हो। दिखई तो नहीं देता, लेकिन उम्मीद जरूर है कि हमारे योग्य शासक और प्रशासक इसके लिए भी कुछ रास्ता निकालेंगे कि आरोप न लगें सराहना हो। क्योंकि जब काम होंगे। लाभार्थियों को लाभ मिलेगा तो निश्चित विरोध नहीं जनता का सहयोग मिलेगा। फिलहाल गांव मंडनपुर में डीपीआरओ पहुंच गई हैं और जांच में जुटी हैं। अब उनकी क्या रिपोर्ट आएगी यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन ग्रामीणों ने खुलेआम सब कर के दिखा दिया है। हालांकि प्रधान जी से भी संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वह सामने नहीं आए। यहां पर नहीं तो आगे सही प्रधानजी को भी अपनी सफाई तो देनी ही होगी, लेकिन वक्त आने पर।

रिपोटिंग

हरेंद्र सिंह

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