सूर्यपाल आजाद व राजा मेंद्रप्रताप सिंह जैसे पत्रकारों की श्रम दान से ही मिली थी भारत को आजादी, श्रम जीवी पत्रिकारिता की रीढ़ है श्रम दिवस
संजय दीक्षित
PU (India) 01 May । पत्रिकारिता में भी श्रम प्रमुख स्थान रखता है। क्योंकि श्रम के बिना न कोई खबर निकलती है और न हीं खोज हो पाती है। अर्थात श्रम करने से ही सफलता के रास्ते खुलते हैं। वाकई यह सत्य है कि श्रमजीवी पत्रकारिता का दौर अब और वृहद होता जा रहा है। किसी भी खबर को वायरल करने के लिए श्रम तो आवश्य है ही। इसलिए श्रम दिवस पत्रिकारों के लिए भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
श्रम जीवी पत्रिकारिता की देन है भारती की आजादीः-
अरग पत्रकारों ने संर्घष नहीं किया होता तो आज भारत आजाद न होता। हमारे देश के स्व.सूर्यपाल आजाद, चंद्रपाल आजाद, जाट राजा महेंद्र प्रताप सिंह आदि सैकड़ों नहीं हजारों की संख्या में श्रमजीवी पत्रकारों ने अपने लहू से भारती की आजादी का इतिहास विश्व पटल पर लिख दिया था। आज हम जो आजादी की हवा में सांस ले रहे हैं वह इन श्रमजीवियों की ही देन है।
श्रम दिवस की कहां सु हुई शुरूआतः-
अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस मनाने की शुरूआत 1 मई 1886 से मानी जाती है। बताते हैं, उस वक्त अमेरिका की मज़दूर यूनियनों नें काम का समय 8 घंटे से ज़्यादा न रखे जाने के लिए हड़ताल की थी और इस हड़ताल के सार्थक परिणाम निकले थे। क्योंकि अमेरिका में काम का समय इसी वक्त से 8 घंटे कर दिया गया था। मौजूदा समय भारत और अन्य देशों में मज़दूरों के 8 घंटे काम करने से संबंधित क़ानून लागू है।
हाथरस प्रेस क्लब, हाथरस की ओर से शुभ कामनाएंः-
हाथरस प्रेस क्लब, हाथरस के अध्यक्ष श्री बीएस जैन सभी को अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं देते हैं। उनका कहना है कि उम्मीद करते हैं कि आप सभी श्रम के लिए महत्व देंगे। क्योंकि श्रम है तो जीवन है। श्रम है तो बिमारियों से रक्षा होगी। क्योंकि श्रम करने से हमारे शरीर के अंदर बढ़ने वाली बेकार चर्बी और जंग लगी नसों में रक्त प्रवाह होता है। जो हमारे जीवन के लिए मित्रताता का कार्य करता है। इसलिए श्रम करिए और स्वस्थ्य रहिए। श्रम दिवस हर व्यक्ति के लिए लाभकारी है। जो श्रम करता है वह आगे बढ़ता है।
श्रमजीवी पत्रकारों ने दिया था चेयरमेन को ज्ञापनः-नया गंज स्थित पत्रकार देवकीनंदन विकल के नाम से घोषित चौक के संबंध में जब नाम परिवर्तन की बात आई थी तो श्रमजीवी पत्रकारों इसको अपने अधिकारों के विपरीत मानते हुए चेयरमैन आशीष शर्मा को ज्ञापन सौंपा था और उन्होंने सत्य का साथ देने का वायदा किया था।
श्रमजीवी पत्रकारों ने दिया था चेयरमेन को ज्ञापनः-
नया गंज स्थित पत्रकार देवकीनंदन विकल के नाम से घोषित चौक के संबंध में जब नाम परिवर्तन की बात आई थी तो श्रमजीवी पत्रकारों इसको अपने अधिकारों के विपरीत मानते हुए चेयरमैन आशीष शर्मा को ज्ञापन सौंपा था और उन्होंने सत्य का साथ देने का वायदा किया था।




Comments
Post a Comment