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मोबाइल पर ही लूट लिए चार हजार, न बैंक ने सुनी न वर्दी ने

मोबाइल पर ही लूट लिए चार हजार, न बैंक ने सुनी न वर्दी ने

हाथरस 09 अपै्रल। ऑन लाइन लुट की घटनाओं भले ही चुनौती न माना जाए, लेकिन अपराधी दूरभाष करते हुए भोले लोगों को लूटने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे। एक ताजा मामले में न कोई डकैती पड़ी और न कोई चोरी की घटना हुई, फिर भी टैक्सीचालक के खाते से साइबर अपराधियों ने 4000 हजार की रकम पार कर दी। पीड़ित ने कोतवाली में इसकी शिकायत की है।
नाम प्रमोद कुमार, पिता का नाम नेकसेराम यादव, निवासी बालापट्टी, कोतवाली हाथरस सदर, काम टैक्सी चालक। सुबह से शामतक कठिन मेहत करके प्रमोद जैसे-तैसे अपने घर का खर्च चलाता है, लेकिन दूर देश बैठे अपराधी ने दूरभाष कर उसके खाते से 4000 हजार रुपये लूट लिए और पीड़ित हाथ मलता रह गया है। वह बैंक भी भाग और पुलिस पर भी, लेकिन उसी को ही सुनाई गई। बैचारा ठका सा रह गया। 
क्या है पूरा घटनाक्रमः-
पूछने पर पीड़ित प्रमोद कुमार ने बताया कि घटना 04 अपै्रल की है। तभी से वह लगातार अधिकारियों के चक्कर काट रहा है, लेकिन नसीहतें तो सभी दे देदी, लेकिन ढांढस किसी ने नहीं बंधाया। उसने बताया कि उसके मोबाइल पर एक कॉल आया था। उससे कॉल पर बात करने बोल रहा था कि मैं कैनरा बैंक की बड़ी शाखा  से बोल रहा हूं। तुम्हारा एटीएम बड़ी शाखा में लिंक करना है। एटीएम नंबर बताओ। बोला कि तुम्हारे पिन के बिना कोई भी धनराशि नहीं निकलेगी। भोलाभाला प्रमोद बातों में आ गया और उसको अपना कार्ड नंबर बता दिया। पीड़ित ने बताया कि बाद में उसके मोबाइल पर मैसेज आया। आरोपी मैसेज की जानकारी करता रहा। इतनी देर में ही पीड़ित के खाते से 4000 हजार रुपये अवैध तरीके से निकाल लिए गए। पीड़ित दंग रह गया और उसने समझ लिया कि उसको ठगा गया है। सबसे पहले पीड़ित ने अपना एटीएम कार्ड नंबर बंद कराया। बैंक प्रबंधक द्वारा बताए जाने पर पीड़ित ने एक लिखित शिकायत कोतवाली सदर पुलिस को दी है, लेकिन समाचार लिखे जाने तक मामला दर्ज नहीं हो पाया था।
क्या हावी रहेंगे साइबर अपराधी या लगेगी उनकी करनी पर रोकः-
इतने कठोर परिश्रम की कमाई के बाद यदि कोई किसी मुंह का निवाला छूट कर ले जाए तो इसका कष्ठ तो वह ही समझ सकता है। जो कठिन मेहनत के बाद भी भूखा रहा है। सहाब कुछेक वर्दी वालों को छोड़ दें, कुछ अधिकारियों को छोड़ दें तो पूरा का पूरा अमला खराब है। खैर यह बाद की विषय है, लेकिन इन अपराधियों का क्या करें जो लगातार भोलेभाले लोगों को लूट रहे हैं।

रिपोटिंग

नवीन कुमार वार्ष्णेय

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