सूर्यपाल की पत्रकारिता व चंद्रपाल की लेखनी का कायल रहेगा देश, देश की आजादी के लिए चलाया था पत्रकारिता मिशन
हिन्दी पत्रकारिता पर ब्रज की द्वार देहरी से विशेष संजय दीक्षित पं. सूर्यपाल ‘आजाद’ UP Hathras 30 May। पत्रकारिता से निकली आजादी की आव-ओ-हवा से उठी स्वतंत्रता की महक में जीने का जो मौका मिला है उसे ही आज हम स्वाधीनता कहते हैं। बड़ा कड़वा सच है। पहले हम विदेशियों से लड़े थे और हजारों शहादतें देकर आजादी पाई थी, लेकिन अब अपनों से लड़ना पड़ रहा है और मिलावट खोरों, मक्कारों और नक्कलों से जीत नहीं पा रहे हैं। और तो और पत्रिकारिता के रूप में इस पवित्र मिशन से जुड़े कुछ स्वारथगर्दों के बने जत्थे के जत्थे अब पत्रिकारिता की सूचिता को खंड़ित करने और खंड-खंड करने से बाज नहीं आ रहे। अंग्रेजी समय में निकलती सेठ बैनीराम पौद्दार द्वारा संचालित तिमंजिला रथयात्रा की फाइल चित्र ‘‘कर चले हम फिदा ऐ वतन साथियो, लो तुम्हारे हवाले वतन साथियो।’’ अगर पत्रकारिता के अब तक के सफर को देखा जाय तो महान सेनानी और पत्रकारिता जगत के पुरोधा रहे पं. सूर्यपाल ‘आजाद’ पर गढ़ी यह कहानी सटीकता का परिचय देती है। मौका हिन्दी पत्रिकारिता दिवस का है और हम बात हिन्दी पत्रकारता के माध्यम से आजादी के मिशन के हिरो रहे प...