जिन्ना ने यूनिवर्सिटी में तैयार किया अपना राज्य, राजा ने राज्य को त्याग लड़ी थी स्वराज्य की लड़ाई
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| राजा महेंदप्रताप सिंह के लिए भारत सरकार द्वारा जारी की गई डाक टिकट |
UP (India) 11 May। जिस त्यागी ने शिक्षा और सद्भाव के लिए अपनी जमीन को दान में दिया। उसी यूनिवर्सिटी में बैठकर जिन्ना ने जन्नत के ख्वाब दिखा लिख दी थी पाक स्थान यानि पाकिस्तान की इवारत। जहां से देश को बंटवारे की जो दरार पड़ी आज भी जिन्ना की तस्वीर उसकी पूर्ति कर रही है।
कौन था वह त्यागी जिसने अपनी जमीनें दी थी दान मेंः-
वह कोई और नहीं बल्कि स्वयं मुरसान के युवराज व हाथरस के जाट राजा महेंद्रप्रताप सिंह ही थे। जिन्होंने अपनी जमीनों को इस उद्देश्य से यूनिवर्सिटी के निर्माण में दिया था कि यहां पर आपसी भाईचारा, सद्भाव और सौहार्द के माहौल का निर्माण होगा, लेकिन हुआ कुछ उल्टा ही। दरअसल यहीं से देश के बंटवारे की आधारशिला रखी गई थी और बाद में परिणाम जन्म हुआ पाकिस्तान का।
जिन्ना ने खाई जलेबी, राजा ने छानी थी विदेशों की खाखः-
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| पूर्व प्रधानमंत्री भारत इंदिरा गांधी के साथ राजा महेंद्रप्रताप सिंह |
जब राजा महेंद्रप्रताप सिंह विदेशों में रहकर तमाम कष्टों का सामना कर रहे थे उस समय जिन्ना यहां पर आजादी की आढ़ में पाकिस्तान की तैयारियों में जुड़े थे। जबकि राजा महेंद्रप्रताप सिंह ने अपले अफगास्तान में आजाद हिन्द सरकार तैयाकर सेना तैयार की थी। इसके बाद जापान के अलावा अन्य देशों में भी रहकर तमाम कष्ट झेल रहे थे। उन्होंने यहां पर अंग्रेजों के तमाम प्रलोभनों के बाद भी देश की आजादी चुनी थी, लेकिन दूसरी ओर अंदर घात कर देश के टुकड़ा करने का माहौल तैयार किया जा रहा था।



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