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जिन्ना का जिन्न, क्या तस्वीर से होगी उद्योग में उन्नति या फिर बेरोजगारों को मिलेगा रोजगार, कुछ सवाल

जिन्ना का जिन्न, क्या तस्वीर से होगी उद्योग में उन्नति या फिर बेरोजगारों को मिलेगा रोजगार, कुछ सवाल
UP (India) 04 May। जिन्ना का जिन्न कहीं रस की नगरी हाथरस में तूफान न खड़ा करे इसके लिए लोगों को सोच का समन्वय करना होगा, चिंतन का चंदन लगाना होगा और देने होंगे कुछ चंद सवालातों के जबाव। सवालात क्या हैं तो सुनिए?

थोड़ा व्यंग्य, थोड़ा कटाक्षः-
01. क्या जिन्ना की तस्वीर लगने से बैरोजगारों को रोजगार मुहैया हो जाएगा ?
02. क्या जिन्ना की तस्वीर छात्रों की योग्यता में इजाफा करने वाली है ?
03. क्या जिन्ना की तस्वीर का समर्थन करने वालों ने थोड़ा भी सोचने का प्रसाय किया है कि क्या जिन्ना भारत के जर्नादन थे ?
04. सोचो जिन्ना की तस्वीर के समर्थक क्या वह जाने-अनजाने पाक का समर्थन तो नहीं कर रहे ?
05. जिन्ना की तस्वीर के समर्थकों पर क्या यह कहावत लागू नहीं होती कि जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद कर रहे हैं। 
06. क्या जिन्ना भारत के बटवारे में किसी भी भूमिका में नहीं थे।
सार्थक सवालः-
01. क्या अलीगढ़ की शांति व्यवस्था से ज्यादा बड़ी है जिन्ना की तस्वीर
02. क्या जिन्ना की तस्वीर लगने से बेरोजगारों को रोजगार मिल जाएगा
03. क्या जिन्ना जी अल्लाह ताला के यहां से यह सब देखकर अपने समर्थकों की हरकतों से खुश होंगे
प्रवीण वार्ष्णेय 
04. जिन्ना के जिन्न पर राजनीति करने वालों को क्या देश और समाज का थोड़ा भी भान नहीं है कि इसके परिणाम न थमने पर गंभीर साबित होंगे।
05. अलीगढ़ आग में कुछ वर्षों से शांति पड़ी है, क्या आप अलीगढ़ से दुश्मनी रखते हो, नहीं तो नो जिन्ना और हां शांति
06. जिन्ना को जनार्दन बनाने में भारत की होगी उन्नति या फिर जिन्ना को जन से हटाने में 
07. जिन्ना को जनार्दन बनाने में नहीं देश और समाज का भला
08. सोच सार्थक हो और समाज सभ्रांत हो तो खुलेंगे उन्नति के रास्ते, जिन्ना का जनाजा तो निकल चुका है मित्रो।
क्या हैं लोगों के विचारः-
व्यापारी नेता प्रवीन वार्ष्णेय जिन्ना को लेकर काफी गंभीर हैं और पूछे गए सवाल में उन्होंने ऑनलाइन उत्तर
 रामवीर सिंह भैया जी
भी दिया है कि उनकी नजर में अब्दुल कलाम महान हैं। अगर जिन्ना चाहते तो देश का विभाजन नहीं होता। पंड़ित उत्तम भारद्वाज ने भी जिन्ना और कलाम के कंपेरीजन में अब्दुल कलाम को समर्थन दिया है। इसी प्रकार भानू ठाकुर भी अब्दुल कलाम को जिन्ना से बहतर मानते हैं। जबकि भाजपा के वरिष्ठ नेता रामवीर सिंह भैया जी को यह ही पता नहीं है कि जिन्ना महान थे कि अब्दुल कलाम। अगर वह चाते हैं तो आप उनको अपनी राय दीजिए ना।

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