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परमानंद की स्थापना के बाद जगदीश ने की थी दाऊ की सेवा,

दाऊजी व माता रेवती के 128 वें वार्षिकोत्सव की धूम मची है रस की नगरी हाथरस में
संजय दीक्षित

हाथरस के गुड़हाई बाजार स्थित मंदिर 
श्री दाऊजी व माता रेवती के श्रृंगार दर्शनों की आलौकिक छवि
UP (India) 05 May। गुडिहाई के दाऊ आज 128 साल के हो गए। परमानंद की प्रेरणा से स्थापित इन दाऊ जी दयाल ने सैकड़ों नहीं हजारों दंपतियों के यहां पर परमानंद की अनुभूति कराई है। परमानंद के बाद स्वयं जगदीश ने जिनकी सेवा की थी। अब इन दाऊ की सेवा में अशोक, अजय रामकुमार, कृष्णा, हरीओम, त्रिलोकी व चेतन आदि हैं।
‘दाऊ सो दाता नहीं, जग में कोई एक । दीनन की रक्षा करे, टारे विघ्न अनेक ।।’ इंडिया के उत्तर प्रदेश के जिला हाथरस में अंग्रेजी जमाने का बाजार आज भी ‘गुड़िहाई बाजार’ के नाम से जाना जाता है। आज से ठीक 128 वर्ष पूर्व स्व. लाला परमानंद जी ने गुड़िहाई बाजार में भगवान दाऊजी दयाल व माता रेवती की स्थापना कराई थी। परमानंद जी बल्देव के धाम पहुंच गए, लेकिन उनके बाद भी उनके सुपुत्र लाला जगदीश प्रसाद जी ने भगवान श्री बलभद्र व माता रेवती की सेवा में अनवरत निष्ठा बनाई और प्रभुकृपा प्रप्त करते हुए वह भी प्रभुचरणों में लीन हो गए। समय बदलता गया, लेकिन आज भी गुड़िहाई के दाऊ की कृपा ब्रज की द्वार देहरी रस की नगरी ‘हाथरस’ में बरस रही है।
मंदिर का आज है 128 वां स्थापना दिवसः-

सन 1890 में स्थापित श्रीदाऊजी दयाल व माता रेवती मंदिर गुड़िहाई बाजार, हाथरस उत्तर प्रदेश 05 मई, 18 दिन शनिवार को 128 साल पूरे कर रहा है। आज के ही दिन स्व. लाला परमानंद जी ने यहां पर दाऊ व मैया की मूर्तियों को पधरवाया था।
मंगला आरती के साथ आरंभ हुए उत्सव, देर रात तक रहेगी धूमः-
‘दाऊ दाऊ सब कहें मैया कहे न कोय। दाऊ के दरबार में मैया कहे सो होय।।’ श्रीदाऊजी दयाल व माता रेवती के 128 वें वार्षिकोत्सव की शुरूआत मंगला आरती के साथ हुई। इस मौके पर भजन-कीर्तन का भी दौर चला। बाद में भगवान का पंचामृत सामग्री से स्नान कराया गया। पंचामृत प्रसादी के वितरण के उपरांत भगवान के भव्य फूलबंगला सहित आलौकिक श्रृंगार के दर्शन कराए गए। जय घोष के साथ भगवान बलभद्र व माता रेवती के देर रात तक भक्ति कार्यक्रमों की धूम मची रही।

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