हे कृष्ण मुझे दुख दो ताकि तुम्हारी याद न बिसरेःगौरांग जी
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| कथा प्रवचन करते हुए गौरांगजी महाराज |
UP Hathras 08 जून, 18। हे कृष्ण मुझे जिनते हो सके कष्ट दे देना। जब-जब कष्ट आते हैं, तब-तब तुम्हारी कृपा होती है। दर्शन होते हैं। सुख का क्षणिक मात्र भी आ जाए तो प्रभु से लगन छूट जाती है। इसलिए कष्ट आएंगे तो हे कृष्ण तुम याद आओगे और हमारे उद्धार का मार्ग खोल जाओगे।
भक्तिमाल की चल रही मार्मिक कथा का यह मार्मिक प्रसंग हाथरस के श्री राम दरबार मंदिर तालाब चौराहे पर बड़ा ही चर्चित रहा। कथा व्यास श्रद्धेय गौरांग जी महाराज का इस प्रसंग को भावविभोकर होकर कहना मानों सोने में सुहागा जैसा प्रतीत हो रहा
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| कथा प्रवचन के बाद भक्तिमाल शास्त्र की आरती उतारते पंकज गुप्ता |
आचार्य गौरांजी महाराज ने बताया कि जब महाभारत का युद्ध संपन्न हो गया। पांडवों को उनके सारे अधिकार मिल गए उसके बाद कृष्ण जब अपनी द्वारिका के लिए चलने को हुए तो उन्होंने अपनी बुआ कुंती से कहा कि बुआ मांगो क्या मांगना चाहती हो जो चाहो मांग लो तो कुंती का यह उत्तर सभी को स्तभ कर देने
![]() प्रवचन श्रवण करते भक्तजन |
इस मौके पर कार्यक्रम प्रमुख मास्टर कैलाशचंद्र वार्ष्णेय, योगेंद्र मोहन शर्मा, प्रदीप अग्रवाल, मनोज बूटिया, पंकज वार्ष्णेय, रोचक जैन, आशीष जैन, विकास अग्रवाल, शरद अग्रवाल, सचिन अग्रवाल, प्रवीन वार्ष्णेय, विकास अग्रवाल, मधु शर्मा, अल्का शर्मा, राजेश शर्मा, संजय दीक्षित एडवोकेट आदि लोग प्रमुख हैं।




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