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लेबर अंडर करेक्ट नॉलेज के साथ कार्य करना होता है फलदायीः मुकेश कोठारी

लेबर अंडर करेक्ट नॉलेज के साथ कार्य करना होता है फलदायीः मुकेश कोठारी
नेटवर्किंग के महागुरु मुकेश कोठारी को सम्मानित करते
धीर्मेंद्र सिंह चौधरी, विकास वार्ष्णेय,संदीप चौधरी, मनीष वार्ष्णेय
हाथरस 11 अगस्त। लेबर तो सब करते हैं, लेकिन जो जितनी ज्यादा लेबर करता है उसको उतना ही पैसा कम मिलता है। जो लेबर कम करता है उसको पैसा ज्यादा मिलता है। यह समझने की बात है। क्योंकि लेबर करना अलग बात है, लेकिन नॉलेज के साथ लेबर करना अलग। जो लेबर अंडर करेक्ट नॉलेज के फार्मूले को अपनाता है, वह अपने प्लान में सफल होता है और अपने सपनों को साकार कर पाता है।
यह उद्गार नेटवर्किंग मार्केट के महागुरुओं में
कोठारी जी को कृष्णा की मूर्ति भेंट
करते हुए संजय दीक्षित एडवोकेट
से पहचाने जाने वाले मुकेश कोठारी ने यहां शुक्रवार को घसमंडी स्थित त्रिमूर्ति ऐसी हॉल में आयोजित आरसीएम की एक बैठक में व्यक्त किए। उन्होंने ‘‘लेबर अंडर करेक्ट नॉलेज’’ के फार्मूले के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि जो व्यक्ति लेबर को अंदर तहतक घुसकर यानि पूर्ण जानकारी हांसिल करने के बाद करते हैं उनके बड़े ही सफल और चमात्कारिक परिणाम निकल कर सामने आते हैं। अर्थात जिसमें सीखने की भूख होगी, पैसा कमाने की ललक होगी और अपने स्वप्नों को साकार करने के लिए फलदाई लक्ष्य यानि टार्गेट लेकर चलने की चाह होती है वह लोग जिंदगी में सदैव सफल ही होते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि विश्वविख्यात शख्यित धीरूभाई अंबानी भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनसे सीखने और पैसा कमाने की ललक को सीख सकते हैं। वह अल्पकालिक डिग्रियों के होते हुए भी अतिउच्चतम उपब्धियोंतक पहुंचे और आज अपना ही नहीं पूरे देश का नाम रोशन करते हुए कई देशों की पुस्तकों में बतौर चेप्टर आज भी छात्रों को नसीहत देने का कार्य कर रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने आरसीएम बिजनेस के संबंध में बहुत से सार्थक टिप्श भी दिए।
डनका स्वागत करने वालों में मुख्य रूप से चौधरी धर्मवीर सिंह, अजय कुमार नागर, विकास वार्ष्णेय, मनीष वार्ष्णेय, महेंद्रपाल सिंह, संजय कुमार, योगेंद्रमोहन शर्मा, कालीचरन वर्मा, भूवेंद्र सेंगर, रामेश्वरदयाल, अंजू दीक्षित, प्राची दीक्षित, विकास अग्रवाल, पवन शर्मा व संजय दीक्षित एडवोकेट आदि दर्जनों लोग मौजूद थे।

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