पत्रकारिता के महागुरु ने कहा मीडिया बदल रहा, आने वाले समय में हथेली से ही कवरेज करेंगे पत्रकारः शशि शेखर
पत्रकारिता के महागुरु ने कहा मीडिया बदल रहा, हथेली से ही कवरेज करेंगे पत्रकारः शशि शेखर
संजय दीक्षित
नोएड 27 अगस्त। पत्रकारिता की सूरज और सीरत दोनों ही बहुत जल्द ही बदलने की ओर हैं। हालांकि पत्रकारिता की बदलती स्थिति तो दिशा भी ले चुकी है और इसका मुख्य बदला क्षेत्र टेक्नोलॉजी होगा।
यह उद्गार पत्रिकारिता का एक नया अध्याय लिखने वाले वह वरिष्ठ पत्रकार के हैं जिन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में एक कीर्तिमान स्थिपित किया है। जीहां ! हम बात हिन्दुस्तान मीडिया गु्रप समूह के प्रधान संपदाक शशि शेखर जी ने अभी हाल ही में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के नोएडा सेक्टर 62 में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में व्यक्त किए।
जब मेरी उम्र महज 20 वर्ष थी और मैं एमए में पढ़ता था। उस समय मैं पुरातत्ववेत्ता (आर्कियोलॉजिस्ट) बनने का सपना देखा करता था। तब से लेकर अब तक मेरा मानना है कि हर नई टेक्नोलॉजी नौजवानों के लिए उम्मीदों के नए दरवाजे खोलती है। मुझसे एक दिन किसी ने कहा कि टेक्नोलॉजी चेंज होने वाली है। इसलिए मैंने तय किया कि चलो अब यही काम करते हैं। आज टेक्नोलॉजी ही नहीं, पत्रकारिता की पूरी शक्ल-सूरत और सीरत बदलने जा रही है। अब बड़े मीडिया संस्थान पहले जैसे नहीं रहे हैं। यहां नौकरियां धीरे-धीरे खत्म होती जा
रही हैं। आपको ध्यान होगा कि पुराने जमाने में जिस तरह डायल करने वाला फोन चलता था, वह अब बिल्कुल बदल चुका है। देखते ही देखते डाकिए ने भी घर का दरवाजा खटखटाना बंद कर दिया है। देखते ही देखते टाइपराइटर भी खत्म हो गया है। मेरा मानना है कि आज से पांच-छह साल के अंदर आपका मोबाइल ही आपकी जिंदगी बन जाएगा।
हालांकि बन तो यह आज भी गया है लेकिन आने वाले समय में तो पूरी तरह आपकी जिंदगी इसी पर निर्भर होगी। इसमें आपके हाथ में ही एक चिप लगा दी जाएगी और आप अपनी हथेली के द्वारा ही इसे ऑपरेट कर सकेंगे। यानी जिस तरह पुराने जमाने में ऋषि-मुनि कहते थे कि मैं ही ब्रह्म हूं, मुझे ऐसा लगता है कि उसी तरह आपका ब्रह्मांड आपकी हथेली में समाया होगा। आपके पास कैमरा होगा, एडिट करने के साधन होंगे और आप चलते फिरते ऐसे व्यक्ति में तब्दील हो जाएंगे कि जो चाहे-जैसे चाहे खबर कवर कर लो।


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