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श्रीराम के चरित्र के साथ सब्जी, पूड़ी और हलवा का रहा महोत्सव में जलवा

श्रीराम के चरित्र के साथ सब्जी, पूड़ी और हलवा का रहा महोत्सव में जलवा
-यज्ञ में आहूतियों के साथ ही शुरू हुई प्रसादी वितरण की देर शाम तक रही धूम
-ऐतिहासिक किला स्थित मंदिर श्रीदाऊजी महाराज से भी निकाली गई शोभायात्रा
Hathras14 january, 19। सब्जी, पूडी और हलबा
ठा.कन्हैयालाल
की महाप्रसादी में जो स्वाद था वह हर भक्त के मुखमंडल बोल रहा था। स्थान था सादाबाद गेट तिराहा स्थित दक्षिणमुखी हनुमान जी महाराज मंदिर और मौका था मकर संक्रांति महापर्व का। दो दिवसीय महोत्सव में दूसरे दिन सोमवार को पूरे दिन महा प्रसादी का वितरण हुआ। जबकि उत्सव का आरंभ 13 जनवरी को मंगला दर्शन और अखंड रामचरित पाठ के साथ हुआ था।
प्रसादी बांटते व्यवस्थापक भक्त
ऐतिहासिक किला से निकाली गई बलभद्र-रेवती की शोभायात्रा
13 जनवरी, 19 रविवार को सादाबाद गेट तिराहा स्थित मंदिर श्री दक्षिणमुखी हनुमान जी महाराज पर दो दिवसीय 11 वें महोत्सव का शुभारंभ मंगला आरती के साथ हुआ। इसके बाद श्रीरामचरित मानस के अखंड पाठ का शुभारंभ शास्त्रीय विद्वान ब्रह्मानंद मिश्र के आचारित्व में मंत्रोच्चारण के साथ हुआ। अखंड पाठम में नारद मोहलीला, महाराज दशरथ जी द्वारा पुत्रकामेष्ठी यज्ञ, फिर श्रीरामचंद्र जी का चारों भ्रताओं सहित जन्म, केकेई का कोप भवन में जाना, श्रीराम वनवास, राजा दशरथ का देवलोक गवन, भरत मिलाप, लक्ष्मण द्वारा सूपणखां के नाक-कान काटना, रावण द्वारा सीताजी का हरण, हनुमान जी सुग्रीव से राम की मैत्री और फिर सीताजी की खोज। लंका दहन, श्री राम द्वारा रामेश्वरम् की स्थापना। नल-लीन द्वारा पूल निर्माण, राक्षसों का संहार, रावण बध और श्रीराम का पुनःअवध लौटना आदि लीलाओं के सहित सोमवार को अखंड श्री रामचरित मानस पाठ
का समापन और फिर यज्ञ में आहूतियों के साथ शुरू हुआ महा प्रसादी का वितरण। जिसका शुभारंभ
चेयरमैन आशीष शर्मा ने प्रसादी बांट कर किया। जो सुबह 11 बजे से देर शामतक चलता रहा। इस मौके पर सैकड़ों सहयोगी भक्तों की सेवाएं सराहनीय रहीं।
ऐतिहासिक मंदिर श्रीदाऊजी महाराज से निकली शोभायात्रा का हुआ स्वागत
ऐतिहासिक किला राजा दयाराम स्थित श्री दाऊजी मंदिर पर भी मनाया जाने वाला वार्षिकोत्सव की भी शोभायात्रा के साथ धूम शुरू हो गई। उत्सव के तहत सोमवार को शोभायात्रा का नगर भ्रमण कराया गया। जहां पर भगवान बलभद्र व माता रेवती का स्थान-स्थान पर पुष्पवर्षा के साथ स्वागत हुआ और भक्तों ने आरती उतार कर भोग लगया।

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