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मन न माने मर्मता, दोष कर्म को होय, लक्ष्य साध कर चलो

मन न माने मर्मता, दोष कर्म को होय, लक्ष्य साध कर चलो 

ब्रजदर्शन 28 February । हम जो देखते हैं क्या वह सही है। इसके लिए उस विषय की मार्मिकता समझनी चाहिए। सावधानी बरतने की आवश्यकता है। चिंतनीय बात यह है कि दुनिया क्या कर रही है। हमें क्या करना चाहिए इस संबंध में हमको विचार करना चाहिए। आइए चलते एक कहानी की ओर जिस विद्वान ने इसको गढ़ा है वाकई वह सम्माननीय हैं। आइए पढ़ते हैं कहानी।
यह मूंछों वाले रामजी के दर्शन हैं। जो यूपी के
जिला हाथरस के चावड़ गेट स्थित मंदिर में बिराजित हैं।
 जिनकी राम नवमी पर तिमंजिला
रथयात्रा में एक शोभायात्रा निकाली जाती है।

एक महिला रोज मंदिर जाती थी ! एक दिन
उस महिला ने पुजारी से कहा अब मैं मंदिर नही आया करूँगी !
इस पर पुजारी ने पूछा -- क्यों ?
तब महिला बोली -- मैं देखती हूँ लोग मंदिर परिसर में अपने फोन से अपने व्यापार की बात करते हैं ! कुछ ने तो मंदिर को ही गपशप करने का स्थान चुन रखा है ! कुछ पूजा कम पाखंड,दिखावा ज्यादा करते हैं !
इस पर पुजारी कुछ देर तक चुप रहे फिर कहा -- सही है ! परंतु अपना अंतिम निर्णय लेने से पहले क्या आप मेरे कहने से कुछ कर सकती हैं !
महिला बोली -आप बताइए क्या करना है ?
पुजारी ने कहा -- एक गिलास पानी भर लीजिए और 2 बार मंदिर परिसर के अंदर परिक्रमा लगाइए । शर्त ये है कि गिलास का पानी गिरना नहीं चाहिये !
महिला बोली -- मैं ऐसा कर सकती हूँ !
फिर थोड़ी ही देर में उस महिला ने ऐसा ही कर दिखाया ! उसके बाद मंदिर के पुजारी ने महिला से 3 सवाल पूछे -
1.क्या आपने किसी को फोन पर बात करते देखा? 
बरसाने का विश्व प्रसिद्ध श्री लाड़लीलाल जी
महाराज का मंदिर, होली का मनोरथ
2.क्या आपने किसी को मंदिर में गपशप करते देखा?
3.क्या किसी को पाखंड करते देखा?
महिला बोली -- नहीं मैंने कुछ भी नहीं देखा !
फिर पुजारी बोले --- जब आप परिक्रमा लगा रही थीं तो आपका पूरा ध्यान गिलास पर था कि इसमें से पानी न गिर जाए इसलिए आपको कुछ दिखाई नहीं दियाद्य
 अब जब भी आप मंदिर आयें तो अपना ध्यान सिर्फ़ परम पिता परमात्मा में ही लगाना फिर आपको कुछ दिखाई नहीं देगाद्य सिर्फ भगवान ही सर्वत्र दिखाई देगें
     ‘‘ जाकी  रही  भावना  जैसी
        प्रभु मूरत देखी तिन तैसी ’’

जीवन मे दुःखो के लिए कौन जिम्मेदार है ?
 👉🏻ना भगवान,
 👉🏻ना गृह-नक्षत्र,
 👉🏻ना भाग्य,
 👉🏻ना रिश्तेदार,
 👉🏻ना पडोसी,
 👉🏻ना सरकार,
जिम्मेदार आप स्वयं हैं।
1) आपका सरदर्द, फालतू विचार का परिणाम
2) पेट दर्द, गलत खाने का परिणाम
3) आपका कर्ज, जरूरत से ज्यादा खर्चे का परिणाम
4) आपका दुर्बल /मोटा /बीमार शरीर, गलत जीवन शैली का परिणाम
5) आपके कोर्ट केस, आप के अहंकार का परिणाम
6) आपके फालतू विवाद, ज्यादा व् व्यर्थ बोलने का परिणाम
Sanjay dixit
            उपरोक्त कारणों के अलावा सैकड़ों कारण है और बेवजह दोषारोपण दूसरों पर करते रहते हैं। इसमें ईश्वर दोषी नहीं है।
अगर हम इन कष्टों के कारणों पर बारिकी से विचार करें तो पाएंगे की कहीं न कहीं हमारी मूर्खताएं ही इनके पीछे है।
आपके लिए प्रभु से मंगलकामनाएं करते हैं। 
🌹जय श्री राधे, जय श्री राधे 🌹
🌸 श्री ब्रज बरसाना यात्रा मंडल (ब्रज दर्शन) 🌸
संपर्क 9458634066

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