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अष्टम महोत्सव पर ब्रजद्वार के भक्तों ने बरसाने में लगाए भक्तिरस में गोते

ब्रजद्वार के भक्तों ने मनाया अष्टम वार्षिकोत्सव
-प्रभात फेरी भ्रमण, छप्पन-भोग, फूलबंगला और संतप्रसादी में जमकर बिखरा भक्तिरस
बालव्याषाचार्य मुरलिका शर्मा
का श्रृंगार करते कैलाशचंद्र
हाथरस। ब्रज के द्वार से चली यात्रा ने रासमंडल में अष्ठम वार्षिकोत्सव की धूम मचाई। मंगला आरती के बाद रामदरबार से निकली प्रभात फेरी भ्रमण के बाद रस की नगरी हाथरस के सभी भक्त घंटाघर स्थित गांधी चैक पर एकत्र हुए। जहां से आधा दर्जन बसों में सवार हो श्रीजीधाम पहुंचे। मानबिहारी सरकार के छप्पन भोग, भजन-कीर्तन, विप्रार्चन के बाद बाल-गोपाल प्रसादी और विप्रभोज के बाद संपन्न हुए वार्षिकोत्सव में लाड़लीलाल सरकार की परिक्रमा लगा ब्रजद्वार पर पहुुंचकर उत्सव की देर रात घंटाघर पहुंचकर संपन्नता हुई। 
ब्रज बरसाना यात्रा मंडल के तत्वावधान में मनाए गए अष्ठम
अंतर्राष्ट्रीय संत व यमुना मिशन
 के पथप्रदर्शक रमेशबाबा
वार्षिकोत्सव की शुरूआत प्रभु की मंगला आरती के साथ हुआ। इसके बाद तालाब चैराहा स्थित श्रीरामदरबार मंदिर से प्रभात फेरी निकाली गई। जो नगर भ्रमण के बाद घंटाघर स्थित पुरानी स्टेट बैंक शाखा पर पहुंचकर संपन्न हुई। इसके बाद ब्रजद्वार के सभी भक्त बसों में सबार हो भजन-कीर्तन के साथ ब्रज बरसाना धाम के लिए प्रस्थान कर गए। जहां पर रासमंडल में मानबिजार सरकार के छप्पन-भोग प्रसाद व फूलबंगला सजाए गए। जबकि पागलबाबा की संकीर्तन मंडली ने बाध्य-यंत्रों की तान पर सुमधुर भजनों और राधामधुरम नृत्य
अष्ट सखियों की पूजा करते भक्तजन
आदि के समागम की भक्ति का वह नजारा प्रस्तुत किया मानों हम द्वापरयुग में जी रहे हों।
इस मौके पर बालव्यासाचार्य मुरिलका शर्मा ने अपने प्रवचनों में हाथरस के ब्रज के द्वार नाम की सार्थिक्ता को बताया और प्रभातफेरियों के संचलन को नमन किया। साथ ही सभी से यह अनुरोध भी किया कि हर घर से गो सेवा के लिए एक रुपये का सहयोग प्रति दिन निकलना चाहिए। यह ही नहीं उन्होंने पहले गो ग्रास निकाल कर प्रसादी ग्रहण करने का अनुरोध भी ब्रज के द्वार हाथरस नगरी के भक्तों से किया। अंतर्राष्र्टिय संत व यमुना मिशन के प्रणेता रमेशबाबा ने भी हाथरस के भक्तिभाव की सराहना की और हाथरस के भक्तों से अन्यत्रको प्रेरणादायक
उत्सव में शामिल भक्तजन
बताया। इससे पूर्व अष्ट सखियों की आरती उतारकर पूजन-अर्चन कियागया। जबकि देर शाम यात्रा ने बरसाना से ब्रज के द्वार हाथरस की ओर प्रस्थान किया और देर रात हाथरस के घंटाघर स्थित पहुंचकर अष्ठम वार्षिकोत्सव का समापन हुआ।
इस मौके पर भक्तिशिरोमणि पं.भोलशंकर शर्मा, मास्टर कैलाशचंद्र वाष्र्णेय,  आशीष जैन, योगेंद्र मोहन शर्मा, राजेश शर्मा, गोपालदास अग्रवाल, रमेशचंद्र अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, रोचक जैन, नितिननरायन कौशिक, कपिल टिंबर, अंजू दीक्षित, गता अम्मा, ऊषा शर्मा, रवींद्र वाष्र्णेय आदि ब्रजद्वार के भक्तजनों का सहयोग सराहनीय रहा।



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