Skip to main content

संदीप बने सिकंदर, लक्ष्मी को लक्ष्य मिला अरविंद ने दो से की आरपार

डिस्ट्रक्ट बार अध्यक्ष बने लक्ष्मीकांत 
सचिव अरविंद सह सचिव पर संदीप वर्मा ने जमाया कब्जा
-ढोलनगाड़ों पर झूमे समर्थक, विजयी प्रत्याशियों को फूलमालाओं से हुआ स्वागत
हाथरस। डिस्ट्रक्ट बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव 2019-20 में नौ पदों से हुए तीन पदों के चुनाव में अध्यक्ष पद पर लक्ष्मीकांत सारस्वत 46 मतों व सचिव पद पर अरविंद वशिष्ठ 02 और सह सचिव प्रथम पर संदीप कुमार वर्मा को 234 मतों से विजयी घोषित किया गया। विजयी प्रत्याशियों ने जीत के बाद बलभद्र व माता रेवती के यहां पर मत्था टेक और भोग लगा प्रसादी का वितरण किया और ढोल-नगड़ों की धुन पर जुलूस के साथ कोर्ट परिसर से प्रस्थान किया। जिनका नगर में भी स्थान-स्थान पर स्वागत का दौर चला।
विदित हो कि जिले की सबसे बड़ी अधिवक्ता बार डिस्ट्रक्ट बार एसोसिएशन का शनिवार को निर्वाचन
घोषित किया गया था, लेकिन नामांकान के दौरान ही पांच पदाधिकारियों को निर्विरोध निर्वाचित मान लिया गया था और एक पद पर पर्चा वापस होने के कारण 6 पदों पर उम्मीद वार निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए थे, लेकिन तीन पदों पर शनिवार को हुए मतदान के दौरान अध्यक्ष पद पर आमने-सामने की फाइट में लक्ष्मीकांत सारस्वत को कुल 222 मत मिले और उनके प्रतिद्वंदी युवराज शर्मा को 176 मत ही मिल सके। जबकि एक मतपत्र निरस्त किया गया। जिसके चलते 46 मतों से लक्ष्मीकांत सारस्वत को मुख्य चुनाव अधिकारी विवेक कटारा और उनकी टीम ने अध्यक्ष घोषित कर दिया। 
विजयी होने के बाद भगवान बलभद्र व माता रेवती आशीर्वाद लेने के बाद स्वागत स्वीकारते नवनियुक्त पदाधिकारी 
जबकि वरिष्ठ उपाध्यक्ष के पद पर विनोद कुमार उपाध्याय को निर्विरोध निर्वाचित और कनिष्ठ उपाध्यक्ष प्रथम पर जितेंद्र रावत व कनिष्ठ उपाध्यक्ष द्वितीय सुलेमान खान को भी निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। जबकि सचिव पद पर हुए मतदान में तीन प्रत्योशियों में से अरविंद वशिष्ठ को 170 व अमरपाल सिंह को 168 और गिरीश रावत को 59 मत मिले जबकि 2 मत निरस्त पाए गए। सह सचिव प्रथम पर हुई आमने-सामने की फाइट में संदीप कुमार वर्मा को कुल 315 मत मिले और रविकुमार  शर्मा को 81 मिले जबकि तीन मत निरस्त घोषित किए गए। कुल मिलाकर संदीप कुमार वर्मा को 234 मतों से विजयी घोषित
किया गया। जबकि सह सचिव द्वितीय त्रिलोकीराम वर्मा, सह सचिव तृतीय पर विनीत कुमार वर्मा व कोषाध्यक्ष पद पर विमल कुमार सारस्वत को निर्विरोध निर्वाचित होने की भी घोषणा मुख्य चुनाव अधिकारी विवेक कटारा ने की। घोषणा के बाद सभी निर्वाचित पदाधिकारियों ने दाऊ व माता रेवती के दर्शन किए और जयघोषों के साथ ढोल-नगाड़ों पर नगर में भ्रमण पर निकले। जहां पर सभी का स्थान-स्थान पर पुष्प वर्मा और फूलमालाओं से उनका स्वागत किया गया।

Comments

Popular posts from this blog

‘‘चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीड़। तुलसीदास चंदन घिसत और तिलक लैत रघुवीर।।’’

हनुमान जी की कृपा से गुसांई बाबा को चित्रकूट के घाट पर प्रभु के दर्शन होते हैंःगौरांग जी महाराज UP Hathras11 जून, 18। चित्रकूट का घट है और गोस्वामी बाबा पथर की एक सिला पर चंदन घिर रहे हैं। कथा प्रवचन करते व्यासपीठ गौरांग जी महाराज इंतजार कर रहे हैं कि कब उनके स्वामी आएंगे और मिलन होगा। अचानक वहां पर दो सुकुमार आते हैं और तुलसीदास से चंदन की मांग करते हैं, लेकिन प्रभु मिलन की आस में वह दोनों ही सुकुमारों से चंदन की मना करते हैं। महावीर जो देख रहे थे पहचान गए कि अभी भी तुलसीदास स्वामी को नहीं पहचान रहे। श्री रामदबार मंदिर में चल रही भक्तमाल कथा श्रवण करते श्रद्धालुजन कथा श्रवण करते बैंक अधिकारी कथा के दौरान आचार्य गौरांग जी महाराज इस मार्मिक प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि कहीं फिर से तुलसीदास प्रभु दर्शन से न चूक जाएं। इसलिए पेड़ की एक डाल पर तोते का रूप धर कर हनुमान जी कथा श्रवण करते सेवानिवृत्त रोडवेज अधिकारी कहते हैं ‘‘चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीड़। तुलसीदास चंदन घिसत और तिलक लैत रघुवीर।।’’ यह दोहा सुनते ही गोस्वामी तुलसीदास का ज्ञानतंत्र जाग्रित हुआ। ध...

हर दिन डेढ सजा का लक्ष्य किया तय

हर दिन सुनाई गई डेढ़ सजा - पुलिस के साथ अभियोजन ने 716 आरोपियों को सुनाई सजा - पूरे साल में 556 मामलों में सुनाई गई सजा - बकौल एसपी चिरंजीव नाथ सिंहा, आगे और बहतर करने का होगा प्रयाश हाथरस। पुलिस ने अभियोजन के साथ मिलकर 360 दिन में 556 सजाओं के माध्यम से 716आरोपियों को अभियुक्त सिद्ध कर के जेल का रास्ता दिखाया है। अगर यह कहा जाए कि हर दिन पुलिस और अभियोजन ने मिल कर डेढ़ सजा का आंकड़ा तय किया है तो गलत नहीं होगा क्योंकि साल में 360 दिन होते हैं और सजा 556 सुनाई गई है।इससे सीधा-सीधा आंकड़ा निकलता है एक दिन में डेढ़ सजा का मापदंड तप किया गया है।हालांकि यह आंकड़ा इतना अच्छा भी नहीं है, मगर आने वाले दिनों में इसको और सुधारा जा सकता है। बीते समय से सबक लेने की आवश्यकता है कि कहां पर चूक हुई है।क्योंकि कहीं ना कहीं पुलिस गवाहों के होस्टाइल होने के कारण ही आरोपी कोअभियुक्त सिद्ध नहीं कर पाती और वह सजा से वंचित रह जाते हैं ।इसलिए यह कहना फक्र की बात है कि पुलिस ने मेहनत करते हुए हर दिन एक से ज्यादा सजा का लक्ष्य तय किया है इधर, अभियोजन ने भी रात दिन एक करते हुए अपने कार्य को अंजाम द...

हाथरस की यह मजबूरी सिर्फ 35 किमी की दूरी

हाथरस की यह मजबूरी सिर्फ 35 किमी की दूरी -बाहरी प्रत्याशियों का दंश झेलता आ रहा है हाथरस -1984 तक कांगे्रस पर महरवान रही हाथरस की तनजा तो 1991 से भाजपा के प्रत्याशी को ही चुन कर संसद भेज रही जनता  संजय दीक्षित हाथरस। ‘‘अरे हाय हाय ये मजबूरी ये मौसम और ये दूरी, मुझ पल पल है तड़फाये एक दिना......’’ फिल्म ‘‘रोटी कपड़ा और मकान’’ के गाने के यह बोल लोकसभा हाथरस पर भी सटीक बैठते हैं। क्योंकि क्षेत्र की समस्या व लोगों की पीड़ा के निराकरण को अब तक हुए लोकतंत्र के 17 समरों को प्रतिनिधित्व 17 में 12 वार वाहरी लोगों को सौंपा गया है। मजे की बात तो यह है कि यह 18 लोकतंत्र के इस यज्ञ में 18 वीं वार भी आहूतियां देने के लिए लोकल प्रत्याशियों का पूर्णतः अभाव दिखाई दे रहा है। हाथरस के प्रथम सांसद नरदेव स्नातक को दुर्लभ चित्र यह हाथरस की पीड़ा ही कही जा जा सकती है कि लोकसभा के लिए यहां के मतदाताओं को अब तक 17 वार हुए मतदान में 12 वार वाहरी प्रत्याशियों को सांसद बनाकर लोकसभा भेजा है। लोगों के बोलों से निकली बातों पर जाएं तो यह सबसे बड़ी पीड़ा है कि हर विधानसभा और लोकसभा का एक अलग-अलग भौगो...