काउंसिल के अध्यक्ष पद पर पहुंचते ही दरवेश पर मौत का झपट्टा
-साथी अधिवक्ता ने ही मारी लगातार तीन गोलियों के बाद हुई दरवेश की मौत
-हत्या करने वाले अधिवक्ता ने खुद को भी मारी गोली, नाजुक
बुधवार को आगरा कचहरी में दिन दहाड़े दिल दहलादेने वाली वारदात हुई। न्यायालय परिसर में उत्तर प्रदेश बार काउंसिल अध्यक्ष दरवेश यादव गोलियां बरसा कर हत्या कर दी गई। दरवेश को तीन गोली मारी गईं। साथी अधिवक्ता मनीष बाबू शर्मा ने अपने लाइसेंसी रिवाल्वर से दरवेश पर गोलियां बरसाने के बाद खुद को भी गोली मार ली। उसका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। गोलीकांड की घटना के बाद दीवानी परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया। बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स यहां तैनात कर दिया गया है।
कैसे और किस वक्त हुआ घटनाक्रमः-
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की अध्यक्ष चुने जाने की खुशी में दरवेश यादव का न्यायालय परिसर में साथी
अधिवक्ताओं द्वारा स्वागत सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। इस मौके पर अधिवक्ताओं ने विजय जुलूस भी निकाला था। दोपहर करीब तीन बजे स्वागत समाहरोह से लौटीं दरवेश अधिवक्ता अरविंद मिश्रा के चैंबर में आईं हुई थीं। इसी दौरान साथी अधिवक्ता मनीष बाबू शर्मा से किसी बात को लेकर उनका विवाद हुआ और बात बढ़ने पर अधिवक्ता मनीष शर्मा ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से दरवेश यादव को लगातार तीन गोलियां मारीं। इसके तत्काल बाद मनीष ने खुद को भी गोली मार ली। फायरिंग से दीवानी परिसर में अफरा-तफरी फैल गई। दरवेश को तुरंत पासके ही पुष्पांजलि हाॅस्पीटल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इधर, मनीष बाबू शर्मा को लोटस हाॅस्पीटल में उपचार के लिए ले जाया गया। समाचार लिखे जाने तक मनीष की हालत गंभीर बनी हुई है और पुलिस कार्रवाई में लगी थी।
यह है दरवेश का परिचयः-
दरवेश सिंह मूल रूप से एटा की रहने वाली थीं। रिटायर्ड पुलिस क्षेत्राधिकारी की बड़ी पुत्री दरवेश वर्ष 2016 में बार काउंसिल की उपाध्यक्ष और 2017 में कार्यकारी अध्यक्ष भी चुनी गई थीं। वे पहली बार 2012 में सदस्य पद पर विजयी हुई थीं। तभी से बार काउंसिल में सक्रिय रहीं। उन्होंने आगरा कॉलेज से विधि स्नातक की डिग्री हासिल की। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (आगरा विश्वविद्यालय) से एलएलएम किया। उन्होंने 2004 में वकालत शुरू की। उनके हमलावर मनीष बाबू शर्मा के साथ घनिष्ठ रिश्ते थे।
दरवेश को दो दिन पहले ही यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष पद पर चुना गया थाः-
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के चुनाव में अध्यक्ष पद का चुनाव जीतकर दरवेश यादव ने एक इतिहास बनाया था। वह ऐसी पहली महिला अधिवक्ता थीं जो अध्यक्ष चुनी गई थीं। इस जीत को दरवेश के लिए एक अधिवक्ताओं की राजनीति में एक बड़ा मुकाम बताया जा रहा था। दो दिन पहले ही उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की वह अध्यक्ष निर्वाचित हुई थीं।
उपाध्यक्ष के पद पर भी रह चुकी थीं दरवेशः-
यूपी बार काउंसिल के इतिहास में वे पहली महिला अध्यक्ष बनी थीं। यूपी बार काउंसिल के प्रयागराज में हुए चुनाव में दरवेश यादव और हरिशंकर सिंह को बराबर 12-12 वोट मिले। दरवेश यादव के नाम एक रिकॉर्ड यह भी था कि बार काउंसिल के 24 सदस्यों में वे अकेली महिला थीं। बार चुनाव मैदान में कुल 298 प्रत्याशी थे।
-साथी अधिवक्ता ने ही मारी लगातार तीन गोलियों के बाद हुई दरवेश की मौत
-हत्या करने वाले अधिवक्ता ने खुद को भी मारी गोली, नाजुक
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| जुलूस के दौरान यूपर बार काउंसलि की नवनिर्वाचित अध्यक्ष का स्वागत करते आगरा के अधिवक्ता |
कैसे और किस वक्त हुआ घटनाक्रमः-
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की अध्यक्ष चुने जाने की खुशी में दरवेश यादव का न्यायालय परिसर में साथी
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| एक फाइल चित्र में लाल घेरे में साथी अधिवक्ता मनीष बाबू शर्मा |
यह है दरवेश का परिचयः-
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| दरवेश सिंह यादव का फाइल चित्र |
दरवेश को दो दिन पहले ही यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष पद पर चुना गया थाः-उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के चुनाव में अध्यक्ष पद का चुनाव जीतकर दरवेश यादव ने एक इतिहास बनाया था। वह ऐसी पहली महिला अधिवक्ता थीं जो अध्यक्ष चुनी गई थीं। इस जीत को दरवेश के लिए एक अधिवक्ताओं की राजनीति में एक बड़ा मुकाम बताया जा रहा था। दो दिन पहले ही उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की वह अध्यक्ष निर्वाचित हुई थीं।
उपाध्यक्ष के पद पर भी रह चुकी थीं दरवेशः-
यूपी बार काउंसिल के इतिहास में वे पहली महिला अध्यक्ष बनी थीं। यूपी बार काउंसिल के प्रयागराज में हुए चुनाव में दरवेश यादव और हरिशंकर सिंह को बराबर 12-12 वोट मिले। दरवेश यादव के नाम एक रिकॉर्ड यह भी था कि बार काउंसिल के 24 सदस्यों में वे अकेली महिला थीं। बार चुनाव मैदान में कुल 298 प्रत्याशी थे।



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