100 वीं यात्रा में बाध्ययंत्र, शब्दों के समीकरण और भक्ति-भाव का होगा संगम
-98 वें परिक्रमा महोत्सव के बाद 100 वें उत्सव की तैयारियों पर जोर
![]() |
| मथुरा स्थित चैमुंहा (ब्रह्मा और ब्रह्माणी) की पूजा-अर्चन करते शिक्षाविद् कैलाशचंद्र वाष्र्णेय |
हाथरस। ब्रज की द्वार देहरी के भक्तों ने अपनी 98 वीं यात्र के दौरान गहवर वन की परिक्रमा लगाई। इससे पूर्व तालाब चैराहा और हलवाईखाना से आरंभ हुई प्रभात फेरियों ने नगर भ्रमण किया और बरसाना पहुंच लाडलीलाल सरकार के यहां अपनी हाजरी लगाई। व्यवस्थापकों ने बताया कि अगस्त में 99 वीं यात्रा के बाद ब्रज बरसाना यात्रा मंडल अपनी 100 वीं यात्रा को धूम-धाम के साथ उत्सव के तहत मनाएगा।
गहवर वन निवासी राष्ट्रीय संत रमेशबाबा की
![]() |
| राधारानी (माट) स्थित मंदिर पर भजन-कीर्तन करते भक्तजन |
![]() |
| मथुरा स्थित मां नरीसेमरी के आलौकिक दर्शन |
![]() |
| हर्बलधारा एक ऐसा नेटवर्किंग बिजनेस जिसमें न पैसा लगाने की जरूरत, ना कोई रिस्क और ना कोई झंझट, सफलता की गारंटी आने वाली पीढ़ियों के लिए रोजगार |
दाऊजी मंदिर, रूई की मंडी में ठा.कन्हैयालालजी व बंदरवन स्थित बांकेबिहारी आदि स्थिानों से प्रभात फेरियां निकाली गईं।
नगर भ्रमण के बाद उत्सव में शामिल श्रद्धलु घासमंडी पहुंचे जहां से बसों में सवार हो ब्रज बरसाना धा के लिए प्रस्थान कर गए। जिसमें पहला पड़ाव मुरसान की पीपलवाली देवी, दूसरा माट स्थित श्री राधारानी, तीसरा पढ़ाव चैमुंहां स्थित (ब्रह्माजी व ब्रह्माणी जी) का मंदिर फिर नरीसेमरी मां के दर्शन करते हुए भक्त बरसाना स्थित गहवर वन पहुंचे। जहां परिक्रमा करते हुए ब्रजद्वार के भक्तों ने विश्वप्रसिद्ध लालड़लीलाल सरकार के दर्शन किए। प्रसादी आदि के बाद देर रात पुनः यात्रा हाथरस स्थित तालाब चैराहा पहुंचकर संपन्न हुई।
इस मौके पर यात्रा प्रमुख व शिक्षाविद् कैलाशचंद्र वाष्र्णेय, नत्थीलाल मैदावाले, प्रदीप अग्रवाल, रवीन्द्र वाष्र्णेय आशीष जैन, मनमोहन, अल्का शर्मा, आशा शर्मा, संजय दीक्षित आदि दर्जनों श्रद्धालुओं ने प्रभु दर्शन का लाभ प्रप्त किया।




Bahut khub radhey
ReplyDelete