नौकरी, बिजनेस और लीडरशिप तीनों देता है हर्बलधारा
-हर्बलधारा की ट्रेन में सवार व्यक्ति पहले लखपति फिर करोड़ पति के सफर को करता है पूरा
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| नोएडा के सूरज पूर में ट्रेनिंग देते ग्रेट लीडर देवेश सेंगर |
मतलब यह है कि नौकरी क्यों करी, गर्ज पड़ी त्यों करी। वाकई जिस व्यक्ति के पास प्रतिभा की कमी है। जो एक सीमित प्लान के साथ अपनी जिन्दगी को काटना चाहते हैं। वह ही नौकरी जैसी व्यवस्था में विश्वास करते हुए पहले तो नौकरी पाने के लिए अपने कीमती समय को बार्बाद करते हैं और फिर अपनी जिन्दगी को बतौर बोझ समते काट देते हैं। जबकि कुछ व्यापार में रुचि रखते हैं और छोटे स्केल से शुरु होने वाले अपने बिजनेस को सफलता के चरम पर ले जाते हैं, लेकिन कुछ उच्चकोटि की सोच रखते हैं जो लीडर कहलाते हैं और लोगों को सिखाते हुए अपने सपनों से भी कई हजार गुना पैसा कमाते हैं, बिल्की लोगों को करोड़ पति बनाने में एक अहम भूमिका निभाते हुए बिजनेस गुरु कह लाते हैं।
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यह उद्गार ‘‘हर्बलधारा’’ की नाएड के सूरजपुर क्षेत्र में संपन्न हुई ट्रेनिंग सेमीनार में बिजनेस के गे्रट गुरु व शिक्षाविद् देवेश सेंगर ने व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि ‘‘हर्बलधारा’’ बिजनेस में हर प्रकार के व्यक्ति के लिए व्यवस्था रखी गई है। जो नौकरी में विश्वास रखते हैं उनके लिए नौकरी की उत्तम व्यवस्था की प्लानिंग की है। जबकि जो बिजनेस में विश्वास रखते हैं उनके लिए एक सफल व्यापार की वह व्यवस्था की है कि बिना किसी व्यवधान के ‘‘हर्बलधारा बिजनेस’’ में व्यक्ति चरम की ऊंचाइयों पर पहुंच सकता है, बसरते वह सिस्टम को फाॅलो करे और अपलाइन से सहयोग लेकर अपने मार्ग पर आगे बढ़े। उन्होंने बताया कि कंपनी ने एन लोगों के लिए भी एक अच्छी व्यवस्था रखी है जो लीडरशिव की सोच रखते हैं। जो बिजनेस गुरु की पदवी से नवाजे जाते हैं और अपने परिवार में तो वह सदैव खुशियों की गंगा बहाते ही हैं, साथ ही औरों को भी करोड़ पतियों की श्रृंखला में ले जाकर खड़ा कर देते हैं।
उन्होंने बताया कि चाहें नौकरी करो, चाहें व्यापार करे और चाहें बिजनेस लीडरशिप करो। ‘‘हर्बलधारा’’ वह
प्लेटफार्म है जहां पर हर प्रकार की सोच वाले व्यक्ति लिए स्थान है और यह ही नहीं सफलता कर पक्की गारंटी के साथ यह व्यवस्थाएं रखी गई हैं। इस मौके पर ग्रेट लीडर मनोज सेंगर ने कहा कि समय बीत रहा है और ‘‘हर्बलधारा’’ की ट्रेन चल पड़ी है। जो भी इस साॅलेट बिजनेस की ट्रेन में सवार हो जाएगा वह निश्चित ही पहले लखपति फिर करोड़ पति और फिर अरबपति स्टेशन पर पहुंचेगा, लेकिन ‘‘हर्बलधारा बिजनेस’’ मांगता है समय, समर्पण और बदले में देता है घर में खुशियां, बच्चों को अच्छा भविष्य। उन्होंने तो यहां तक कहा कि यह वह बिजनेस है कि व्यक्ति एक दिन इस संसार से नाता तोड़ लेता है, लेकिन इस ‘‘हर्बलधारा’’ की ट्रेन में सवार व्यक्ति के पास पैसा आना बंद नहीं होता।


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