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135 संवेदनशील व 51 अतिसंवेदनशील हैं होलिका दहन के स्थान

135 संवेदनशील व 51 अतिसंवेदनशील हैं होलिका दहन के स्थान
-खुफिया पुलिस की रहेगी पैनी नजर, पुलिस की तीसरी नजर भी होगी उपद्रवियों पर 
-सवा छह बजे लगेगी होली में आग
संजय दीक्षित
मुरसान गेट पर रखे जाने वाली होली
हाथरस। जिले में चार मुख्य होलिका का दहन स्थान हैं, जबकि करीब हजार स्थानों पर पूरे जिले भर में होलिका दहन होता आया है। पुलिसिया आंकड़ों को उठाकर देखें तो तो करीब जिले में 951 स्थानों पर होली का दहन किया जाता है। जिसमें से 135 संवेदनशील और 51 स्थान अति संवेदनशीलता की श्रेणी में आते हैं। पुलिस प्रमुख गौरव बंसवाल के निर्देशन में इस वर्ष भी होली के पर्व को हर्ष और आनंद के साथ मनाए जाने की पुलिस की पूरी तैयारी है।
Upendranath Chaturvedi
हाथरस चूंकि ब्रज का द्वार माना जाता है। ज्योतिष
शास्त्री उपेन्द्रनाथ चतुर्वेदी आदि के मुताबिक ब्रह्मवैवर्त पुराण के अलावा अन्य कई स्थानों पर इसकी पुष्ठि होती है। खासकर हाथरस में चार मुख्य होलिका दहन स्थल हैं। बड़ी होलियों में सीयलगेट, मुरसान गेट, चामड़ गेट और ब्रजवाला कुंआ स्थित बड़ी होलियों को रखा जाता है। खासकर बसंत पंचमी के मौके पर गाय के गोवर से इन स्थानों पर पूजा-अर्चन के साथ रंगोलियां काड़ कर होली रखी जाती है। होली का पर्व प्रेम हौर सौहार्द का पर्व है। इसलिए पुलिस हर वर्ष पुलिस इस पर्व को शांतिपूर्वक मनाए जाने के लिए करती है। इस वर्ष भी पुलिस और प्रशासन की पूर्ण तैयारियां हैं। शांति बैठकों के अलावा खूफिया पुलिस भी अराजक तत्वों पर नजर रखेगी।
इसलिए विवादित स्थानों के अलावा पूरे जनपद में कड़ी चैकसी के साथ पर्व की संपन्नता की व्यवस्था की गई
है। हर होलिका दहन के स्थान पर पुलिस तैनात रहेगी और जहां पर भी
अराजकता का माहौल दिखाई देगा वहां बिना किसी देरी के पुलिस उपद्रव के लिए जिम्मेदार लोगों को उठाकर हवालात में ढूंस देगी। पर्व को शांति और सौहार्द के साथ मनाए जाने के लिए एसपी  गौरव बंसवाल ने लोगों से पुलिस का सहयोग करने की अपील लोगों से की है।
सूत्रों की माने तो जिले में करीब 951 स्थानों पर होलीका दहन होता आ रहा है। विद्वानों के मुताबिक होलीका दहन शाम 6.21 से 8.45 के बीच का रहेगा। इस दौरान पुलिस की खासी तैयारी है, लेकिन फिर भी कहीं से विवाद आता है तो तत्काल विवाद के लिए जिम्मेदारों को पुलिस का छापामार दस्ता सबक सिखाने के लिए तैयार
रहेगा। सूत्रों के मुताबिक पूरे जिले में करीब 135 संवेदनशील और 51 के करीब अतिसंवेदनशील स्थान हैं। जिसमें नाई का नगला, लाला का नगला सहित कुछ गांव भी पुलिस की नजर में हैं। जबकि जिले के थाना सहपऊ, सादाबाद, सिकंदराराऊ, पुरदिलनगर व हसायन के कुछ इलाकों में होलिका दहन के स्थानों पर पुलिस की पैनी नजर रहेगी।
शाम 6.21 से 8.45 तक हो सकता है होलिका दहन
हाथरस। नगर के ज्योतिश शास्त्री उपेंद्रनाथ व राहुल मिश्रा बताते हैं कि इस बार होलिका दहन के समय को लेकर कोई मतभेद नहीं हैं। शाम को ठीक 6.21 पर आग्नि लगाई जा सकती है। जबकि 8.45 तक होलिका दहन हो सकता है। दिन में महिलाओं द्वारा जो पूजा होलिका स्थलनों पर की जाती है। उसको भी महिलाएं दोपहर एक बजे से कर सकती हैं। 



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