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दुष्कर्म में आठ वर्ष का कारावास और अर्थदंड

दुष्कर्म में आठ वर्ष का कारावास और अर्थदंड
-एक आरोपी की सुनवाई के दौरान मृत्यु होने पर मामला हुआ उपशामित
हाथरस। दुष्कर्म के एक मामले में अपर जिला एवं सत्र (त्वरित न्यायालय प्रथम) ने आरोपी को दोष सिद्ध करते हुए 8 साल और अर्थदंड की सजा सुनाई है।

         अभियोजन पक्ष की ओर से अपर शासकीय अधिवक्ता मुकेश कुमार ने सजा के बिंदु पर कठोर सजा की मांग की। अभियोजन के मुताबिक पीड़ित भूरी सिंह ने न्यायालय में धारा 156 3 के तहत एक प्रार्थना पत्र देते हुए आरोप लगाया था की 17 जुलाई 2011 को उसकी पुत्री उम्र 17 वर्ष पढ़ने के लिए  केआर डिग्री कॉलेज मथुरा जाना था और नौगांवा बंबा पर खड़ी थी। तभी पिंटू पुत्र लाखन सिंह निवासी गांव गौठा थाना बल्देव (मथुरा) आया और एक अज्ञात गाड़ी में डाल कर ले गया। न्यायालय में पिंटू  और वीरेन्द्र सिंह दोनों के विरूद्ध एकही धाराओं में सुनवाई हुई है, लेकिन चूंकि पिंटू की मृत्यु के कारण 9 दिसंबर 2020 को उपशामित किया गया। जबकि वीरेंद्र पुत्र 

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शिवाजी निवासी गांव गौठा थाना बल्देव (मथुरा) को दोषी पाते हुए त्वरित न्यायालय प्रथम सत्येन्द्र सिंह वीरवान ने वीरेंद्र सिंह ने वीरेंद्र को भारतीय दंड संहिता की धारा 366 में छह वर्ष का कारावास व छह हजार का अर्थदंड। न देने पर 3 माह का अतिरिक्त कारावास। धारा 376 में आठ वर्ष का कारावास व 8 हजार का अर्थदंड। न देने पर 5 माह का अतिरिक्त कारावास। मामले पीडित पक्ष की ओर से अपर शासकीय अधिवक्ता मुकेश कुमार ने पैरवी की है।

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