Skip to main content

पहले गांव और फिर थाने के बाहर अधिवक्ता पर दबंगों का हमला

पहले गांव में और फिर थाने के बाहर बोला दबंगों ने अधिवक्ता पर हमला
-सूचना पर पहुँचे अधिवक्ताओं के कहने पर पुलिस जुटी कार्रवाई में
-आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस हुई सक्रिय
हाथरस। थाने अपनी शिकायत लेकर आए एक अधिवक्ता के साथ जमीनी विवाद के चलते कुछ दबंगों ने हमला बोल दिया। यह ही नहीं थाने के बाहर उसके संग मारपीट की और गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी भी दी। जानकारी होने पर पहुंचे तमाम अधिवक्ताओं ने इस संबंध में कोतवाली प्रभारी को कार्यवाही करने की मांग की। पुलिस ने मामले की तहरीर लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है। बता दें कि आरोपियों की करतूत कैमरे में कैद हो चुकी हैं।

        कोतवाली में  दी गई तहरीर के मुताबिक घटना 8 जनवरी 2021 सुप्रभात सुबह की बताई जा रही है जमीनी विवाद को लेकर के कुछ दबंग पीड़ित  अखिलेश निवासी गांव भोजपुर खेती थाना हाथरस गेट के घर पर पहुंचे और धमकी देते हुए उसके साथ मारपीट अभद्रता की  सूत्रों की माने तो पीड़ित को गांव से निकलने तक नहीं दिया पीड़ित अधिवक्ता जैसे तैसे आज सुबह जब थाने अपनी सरकार लेकर जा रहा था कि दबंगों की दबंगई देखी है वह उसके पीछे लग लिए और थाना पहुंचने से पहले ही उसको पकड़ लिया फिर भी उसके साथ मारपीट और अभद्रता की शोरगुल सुनने पर भी रखती होते दे आरोपी मौके से फरार हो गए इधर सूचना मिलते ही डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन हाथरस के तमाम अधिवक्ता थाना हाथरस गेट पहुंच गए 

उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई लेकिन पुलिस ने पीड़ित की दी हुई तहरीर को दर्ज कर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया बताते हैं मामले के संबंध में उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया गया है। पुलिस की माने तो मामले में गांव के ही राजवीर, डालचंद, केहरी व अजीत के अलावा कुछ अज्ञातों पर आरोप है।  मामले को दर्ज कर कार्यवाही शुरू की जा रही है।

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

‘‘चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीड़। तुलसीदास चंदन घिसत और तिलक लैत रघुवीर।।’’

हनुमान जी की कृपा से गुसांई बाबा को चित्रकूट के घाट पर प्रभु के दर्शन होते हैंःगौरांग जी महाराज UP Hathras11 जून, 18। चित्रकूट का घट है और गोस्वामी बाबा पथर की एक सिला पर चंदन घिर रहे हैं। कथा प्रवचन करते व्यासपीठ गौरांग जी महाराज इंतजार कर रहे हैं कि कब उनके स्वामी आएंगे और मिलन होगा। अचानक वहां पर दो सुकुमार आते हैं और तुलसीदास से चंदन की मांग करते हैं, लेकिन प्रभु मिलन की आस में वह दोनों ही सुकुमारों से चंदन की मना करते हैं। महावीर जो देख रहे थे पहचान गए कि अभी भी तुलसीदास स्वामी को नहीं पहचान रहे। श्री रामदबार मंदिर में चल रही भक्तमाल कथा श्रवण करते श्रद्धालुजन कथा श्रवण करते बैंक अधिकारी कथा के दौरान आचार्य गौरांग जी महाराज इस मार्मिक प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि कहीं फिर से तुलसीदास प्रभु दर्शन से न चूक जाएं। इसलिए पेड़ की एक डाल पर तोते का रूप धर कर हनुमान जी कथा श्रवण करते सेवानिवृत्त रोडवेज अधिकारी कहते हैं ‘‘चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीड़। तुलसीदास चंदन घिसत और तिलक लैत रघुवीर।।’’ यह दोहा सुनते ही गोस्वामी तुलसीदास का ज्ञानतंत्र जाग्रित हुआ। ध...

हर दिन डेढ सजा का लक्ष्य किया तय

हर दिन सुनाई गई डेढ़ सजा - पुलिस के साथ अभियोजन ने 716 आरोपियों को सुनाई सजा - पूरे साल में 556 मामलों में सुनाई गई सजा - बकौल एसपी चिरंजीव नाथ सिंहा, आगे और बहतर करने का होगा प्रयाश हाथरस। पुलिस ने अभियोजन के साथ मिलकर 360 दिन में 556 सजाओं के माध्यम से 716आरोपियों को अभियुक्त सिद्ध कर के जेल का रास्ता दिखाया है। अगर यह कहा जाए कि हर दिन पुलिस और अभियोजन ने मिल कर डेढ़ सजा का आंकड़ा तय किया है तो गलत नहीं होगा क्योंकि साल में 360 दिन होते हैं और सजा 556 सुनाई गई है।इससे सीधा-सीधा आंकड़ा निकलता है एक दिन में डेढ़ सजा का मापदंड तप किया गया है।हालांकि यह आंकड़ा इतना अच्छा भी नहीं है, मगर आने वाले दिनों में इसको और सुधारा जा सकता है। बीते समय से सबक लेने की आवश्यकता है कि कहां पर चूक हुई है।क्योंकि कहीं ना कहीं पुलिस गवाहों के होस्टाइल होने के कारण ही आरोपी कोअभियुक्त सिद्ध नहीं कर पाती और वह सजा से वंचित रह जाते हैं ।इसलिए यह कहना फक्र की बात है कि पुलिस ने मेहनत करते हुए हर दिन एक से ज्यादा सजा का लक्ष्य तय किया है इधर, अभियोजन ने भी रात दिन एक करते हुए अपने कार्य को अंजाम द...

हाथरस की यह मजबूरी सिर्फ 35 किमी की दूरी

हाथरस की यह मजबूरी सिर्फ 35 किमी की दूरी -बाहरी प्रत्याशियों का दंश झेलता आ रहा है हाथरस -1984 तक कांगे्रस पर महरवान रही हाथरस की तनजा तो 1991 से भाजपा के प्रत्याशी को ही चुन कर संसद भेज रही जनता  संजय दीक्षित हाथरस। ‘‘अरे हाय हाय ये मजबूरी ये मौसम और ये दूरी, मुझ पल पल है तड़फाये एक दिना......’’ फिल्म ‘‘रोटी कपड़ा और मकान’’ के गाने के यह बोल लोकसभा हाथरस पर भी सटीक बैठते हैं। क्योंकि क्षेत्र की समस्या व लोगों की पीड़ा के निराकरण को अब तक हुए लोकतंत्र के 17 समरों को प्रतिनिधित्व 17 में 12 वार वाहरी लोगों को सौंपा गया है। मजे की बात तो यह है कि यह 18 लोकतंत्र के इस यज्ञ में 18 वीं वार भी आहूतियां देने के लिए लोकल प्रत्याशियों का पूर्णतः अभाव दिखाई दे रहा है। हाथरस के प्रथम सांसद नरदेव स्नातक को दुर्लभ चित्र यह हाथरस की पीड़ा ही कही जा जा सकती है कि लोकसभा के लिए यहां के मतदाताओं को अब तक 17 वार हुए मतदान में 12 वार वाहरी प्रत्याशियों को सांसद बनाकर लोकसभा भेजा है। लोगों के बोलों से निकली बातों पर जाएं तो यह सबसे बड़ी पीड़ा है कि हर विधानसभा और लोकसभा का एक अलग-अलग भौगो...